लोकतंत्र के इतिहास में काला धब्बा है आपातकाल : कौशिक

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला धब्बा है, जब ना सिर्फ विपक्षी नेताओं को जेलों में ठूंस दिया गया था, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर भी सेंसरशिप लगा दी गई थी।

शनिवार को कारगी चौक स्थित एक वेडिंग प्वाइंट पर आपातकाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस ने देश में एक सत्ताभोगी जमात पैदा की, जब-जब इस के हितों के विरुद्ध कोई खड़ा हुआ तो उसकी आवाज दबाने का काम कांग्रेस ने किया। 25 जून 1975 को देश पर थोपा गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, क्या विपक्षी दल, क्या प्रेस, क्या न्यायपालिका सभी का गला घोंटने का काम इस आपातकाल के दौरान हुआ। नागरिकों के अधिकार समाप्त कर दिए गए, लेकिन स्व. जननायक जय प्रकाश नारायण और अटल बिहारी वाजपेई जैसे नेताओं के नेतृत्व में जनता ने इसका प्रतिकार किया और 1977 में तानाशाही शासन को उखाड़ फेंका। इसके लिए जेलों में बंद तत्कालीन जनसंघ के अटल बिहारी बाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों से क्रांति गीत और लेख लिखे और किसी न किसी माध्यम से उन्हें बाहर भिजवाया, ताकि बाहर रहे कार्यकर्ता उनकी प्रतिलिपि बनाकर देशभर में आपातकाल के विरुद्ध आंदोलन खड़ा कर सकें।

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