देहरादून। रानीपोखरी पुल के टूटने की जांच लोनिवि के मुख्य अभियंता स्तर-प्रथम (गढ़वाल) अयाज अहमद की अध्यक्षता वाली समिति ने पूरी कर दी है। अब धरातलीय जांच के मुताबिक रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी जाएगी। ऋषिकेश-देहरादून राजमार्ग पर सौंग नदी पर बना पुल 27 अगस्त की सुबह टूट गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने मुख्य अभियंता स्तर-प्रथम अयाज अहमद की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी।
समिति को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा गया था। सप्ताहभर बाद भी रिपोर्ट तो नहीं सौंपी जा सकी है, मगर धरातलीय जांच जरूर पूरी कर दी गई है। मुख्य अभियंता अयाज अहमद के मुताबिक पुल की जांच के लिए दो बार स्थलीय सर्वे किया गया। सर्वे के दौरान पुल का वह पत्थर भी मिल गया, जिस पर निर्माण की अवधि वर्ष 1964 दर्ज है। इसके साथ ही पुल निर्माण संबंधी सभी दस्तावेज भी समिति ने प्राप्त कर लिए हैं।
मुख्य अभियंता के मुताबिक जांच में धरातलीय स्थिति जैसे-पानी का वेग, खनन की स्थिति के आकलन के साथ ही पुल के डिजाइन, रखरखाव जैसी बातों का भी आकलन किया गया है। उन्होंने बताया कि अब समिति बैठक कर सभी बिंदुओं पर एक राय कायम करेगी और फिर उसके मुताबिक रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंप दी जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि समिति इस सप्ताह रिपोर्ट शासन के सुपुर्द कर देगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई शासन स्तर से ही की जाएगी।
इंटर स्टेट बैरियर पर लगेंगे स्पीड डिटेक्टर कैमरे
इंटर स्टेट बैरियर पर वाहनों की गति पर अंकुश लगाने के लिए यातायात निदेशालय की ओर से जल्द ही 13 स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाए जाएंगे। मौजूदा समय में देहरादून में पांच स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाए गए हैं। यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन ने बताया कि इस साल सड़क दुर्घटनाओं में 30 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए शहर से लेकर हाईवे तक के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है। डीआईजी मुख्तार मोहसीन ने सोमवार को ही निदेशक यातायात का पदभार ग्रहण किया है। बताया कि प्रदेश में 161 दुर्घटना संभावित क्षेत्र हैं, जिनका चिह्नीकरण कर लिया गया है।