देहरादून। उत्तराखंड के वन पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एलान किया है कि वे साल 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। रावत ने कहा कि पार्टी हाईकमान और भारतीय जनता पार्टी को इस फैसले से अवगत करा दिया गया है। हालांकि, उन्होंने ये भी साफ किया है कि वे राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं।
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इसको लेकर सबसे बड़े दल भाजपा और कांग्रेस के साथ ही अन्य राजनीतिक दल भी तैयारियों में जुट गए हैं। समाजवादी पार्टी भी एकबार फिर से उत्तराखंड में पैठ बनाने को मैदान में उतर आई है। हाल ही में पार्टी ने प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के विधानसभा चुनाव लड़ने के इनकार से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई है। तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि वे साफ कर चुके हैं कि अभी वे राजनीति से संन्यास के मूड में नहीं हैं।
पहले भी जाहिर कर चुके थे चुनाव न लड़ने की इच्छा
साल 2019 में नवंबर में रुद्रप्रयाग में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा था कि अब वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते। उनकी इच्छा है कि गांव में बसकर स्वरोजगार करें। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ‘मैं अस्सी के दशक से चुनाव लड़ रहा हूं, अब लड़ने का मूड नहीं है। बार-बार विधायक और मंत्री बनने से अब इच्छा मर चुकी है। अभी तक मुख्यमंत्री न बनने के सवाल पर हरक ने कहा था कि यह तो किस्मत की बात हैं, यह मेरे हाथ में नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि उत्तराखंड सरकार की असली परीक्षा विधानसभा चुनाव 2022 में होगी।