देहरादून। वन मंत्री हरक सिंह, प्रमुख सचिव वन आनंद वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक जयराज और वन फील्ड कर्मचारी, अधिकारी महासंघ की संयुक्त बैठक में फील्ड कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन देने पर सहमति बनी। वन विभाग के ढांचे का पुनर्गठन करने सहित वन कर्मियों की अधिकतर मांगों पर सरकार और शासन के स्तर पर सहमति जताई गई है। इस बैठक के बाद वन विभाग में निचले स्तर पर सालों से लटकी पदोन्नतियों के खुलने की भी राह बनी है।
यह शायद वन विभाग की पहली बैठक थी जिसमें वन मंत्री के साथ ही शासन के वन और वित्त के अधिकारी और वन मुख्यालय के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से एक बैनर तले चार अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधियों से सीधी बात की। बैठक में महासंघ के ज्ञापन के बिंदुओं पर सीधी बात हुई और अधिकतर मांगों पर सहमति बनी।
वन कर्मियों के पदान्नतियोें के मामले मुख्य रूप से उभर कर सामने आए। महासंघ का कहना था कि पदोन्नतियां न होने से कई कर्मी एक ही पद पर सेवा पूरी कर सेवानिवृत्त हो जा रहे हैं। बैठक में वन आरक्षी संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष कोठारी, सहायक वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंद्रमोहन कोठारी, डिप्टी रेंजर संघ के अध्यक्ष नवीन पंवार और रेंजर संघ के अध्यक्ष गणेश त्रिपाठी शामिल थे।
बैठक में अधिकतर मामलों में सहमति बनी है और यह महासंघ की बड़ी सफलता है। संघों की संयुक्त रणनीति काम आई है।
– कुलदीप पंवार, वन फील्ड अधिकारी, कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष
इन मांगोें पर बनी सहमति
पुनर्गठन- ढांचे के पुनर्गठन पर सहमति जताई गई। रेंजर के पद 308 से बढ़ाकर 500, डिप्टी रेंजर के पद 408 से बढ़ाकर 913 किए जाएंगे। वन विभाग के ढांचे का पुनर्गठन 2006 में हुआ था।
पदोन्नति- वन रक्षकों की वन दरोगा पद पर पदोन्नति का मामला वन दरोगा पद पर 33 प्रतिशत सीधी भर्ती के कारण अटका हुआ है। वन आरक्षी संघ शत प्रतिशत पदोन्नति की मांग कर रहा है। तय किया गया कि वन रक्षकों से वन दरोगा पदों पर भर्ती में दस साल की बाध्यता समाप्त की जाएगी। 26 साल से वन रक्षक और वन दरोगा के पद पर कार्यरत कर्मियों को ऑनरेरी पदोन्नति देकर डिप्टी रेंजर बनाया जाएगा।
एक माह का अतिरिक्त वेतन- फील्ड वन कर्मियों को पुलिस की भांति एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही इन्हें जोखिम भत्ता भी दिलाया जाएगा। यह प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा।
15 लाख का मुआवजा- फील्ड वन कर्मियों की सेवा के दौरान मुठभेड़ या अन्य कारणों से मृत्यु होने को परिजनों को 15 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
आवास भत्ता- चैकियों में तैनात वन आरक्षियों, वन दरोगाओं और डिप्टी रेंजर को आवास भत्ता दिया जाएगा।
अधिकतर मामलों में सहमति बन गई है। अधिकारियों को कहा गया है कि जिन मामलों को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाना हैं, उनका प्रस्ताव तैयार कर लिया जाए। शासन स्तर से निस्तारित होने वाले मामलों पर शासन कार्यवाही करेगा और बाकी मामलों में वन मुख्यालय फैसला करेगा। नियमावलियों में संशोधन भी किया जाएगा।
– हरक सिंह, वन मंत्री