लंबित मांगों को लेकर विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 28 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। सोमवार को सभी घटक संघों की एक सभा गूगल मीट के माध्यम से हुई। इसमें तीनों ऊर्जा निगमों के अध्यक्ष और महामंत्रियों ने प्रतिभाग किया।
इंजीनियर पंकज सैनी ने बताया कि उर्जा निगम में कर्मचारियों की समस्याओं के विषय में पहले जनवरी इसके बाद मार्च में पत्र के माध्यम से तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों को अवगत कराया गया था। इसके बावजूद समस्याओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदीप कंसल व संयोजक इन्सारूल हक ने बताया कि तीनों ऊर्जा निगमों के सभी नियमित व संविदा कर्मचारी 28 मई की प्रथम पाली से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
उन्होंने आरोपित लगाया है कि तीनों निगमों के प्रबंध निदेशक के पास पर्याप्त समय होने के बाद भी ना तो समस्याओं पर कोई कार्रवाई और ना ही संगठनों के साथ बातचीत कर रहे हैं। आपदाकाल में रात दिन काम करने के बावजूद भी कार्मिकों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई गई है। कई कर्मचारी शहीद हो चुके हैं व कई कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। शासन-प्रशासन जानबूझकर उर्जा निगम के कार्मिकों को फ्रंटलाइन वारियर्स से बाहर रखे हुए हैं। बैठक से अमित रंजन, मुकेश कुमार, सुधीर कुमार, आनंद सिंह रावत, विनोद कवि, संदीप शर्मा आदि जुड़े।