देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। इसे बीच देहरादून की रायपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपाइयों की तनातनी खुलकर सामने आ रही है। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता अपने ही विधायक के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अब मुख्यमंत्री से रायपुर विधायक की शिकायत की है। उन पर कार्यकर्त्ताओं के उत्पीड़न और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
रविवार देर रात रायपुर क्षेत्र के कई भाजपा कार्यकर्त्ता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास में मिले। कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि 2017 में भाजपा ने उमेश शर्मा को रायपुर विधान सभा प्रत्याशी बनाया, पार्टी के सभी कार्यकर्त्ताओं ने पूरी मेहनत से उनको रिकार्ड मतों से विजयी बनाया। विधायक बनने के बाद पहले दिन से ही उन्होंने यह कहना शुरू कर दिया कि मैं भाजपा के कार्यकर्त्ताओं की मेहनत के बल पर नहीं, बल्कि अपनी व्यक्तिगत टीम के बल पर विधायक बना।
कार्यकर्त्ताओं का कहना है कि नगर निगम के चुनाव हों या जिला पंचायत चुनाव, रायपुर विधायक ने भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ कार्य किया। रायपुर डिग्री कालेज में पूर्व में हुए छात्रसंघ चुनाव में भी रायपुर विधायक पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विरुद्ध कार्य करवाने का आरोप है। आरोप लगाया कि क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में भी भाजपा कार्यकर्त्ताओं की अनदेखी की जाती रही है।
वर्तमान में भी रायपुर विधायक की संगठन के किसी भी कार्य में भागीदारी नहीं रहती है। ऐसे में कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि उमेश शर्मा काऊ के अलावा अन्य किसी को 2022 में रायपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाए। जिस पर मुख्यमंत्री ने विधायक से इस संबंध में बात करने का आश्वासन दिया। शिकायत करने वालों में जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चौहान, महानगर उपाध्यक्ष एतवार सिंह रमोला, मंडी समिति अध्यक्ष राजेश शर्मा, भाजयुमो के पूर्व महानगर अध्यक्ष रंजीत भंडारी, तपोवन मंडल अध्यक्ष मनीष बिष्ट, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मंडल अध्यक्ष सुभाष यादव आदि शामिल रहे।