कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल जर्मनी के स्टडी टूर से लौट आए हैं। इसी के साथ उन्होंने विधानसभा में हुईं तदर्थ नियुक्तियों के निरस्तीकरण पर कुछ भी कहने से मना कर दिया है। अग्रवाल ने बयान जारी करते हुए कहा कि वह अभी जर्मनी से लौटे है, इस बात की जानकारी उन्हें मिली है कि अध्यक्ष ने कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने की संस्तुति दी है।
इस बारे में अभी विस्तृत जानकारी उन्हें नहीं मिल पाई है। इसके चलते अभी इस विषय पर कुछ कहने की स्थिती में नहीं हैं। आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जांच के बाद 2016 के बाद विधानसभा में हुई सभी बैकडोर भर्तियों को निरस्त कर दिया था। इसकी जद में कुल 228 कर्मचारी आए हैं। खंडूड़ी ने उपनल के जरिए नियुक्त 22 कर्मचारियों की नियुक्तिों को भी रद कर दिया था, जिससे इस अवधि में रखे गए कुल 250 भर्तियां निरस्त हो गईं हैं।
शासन से होगा औपचारिक आदेश
खंडूडी ने बताया कि चूंकि इन तदर्थ नियुक्तियों का अनुमोदन शासन स्तर से हुआ है, इसलिए नियमानुसार इस फैसले को अमली जामा पहनाने के लिए वो शासन को पत्र लिख रही हैं। शासन का अनुमोदन मिलने के बाद सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी जाएंगी। इसी के साथ उपनल द्वारा की गयी 22 नियुक्तियों को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। इसी तरह अन्य 32 पदों के लिए चल रही भर्ती भी एजेंसी के विवादित होने के कारण निरस्त कर दी गई है। इस परीक्षा के आवेदकों की फीस लौटाई जा सकती है।