विधायकों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट से मिलेगा विधानसभा में प्रवेश, आखिरी सत्र में हंगामे के आसार

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विधानसभा सत्र में विधायकों को 24 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ प्रवेश मिलेगा। अधिकारियों, मीडिया कर्मियों और अन्य विजिटर्स के लिए भी आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य होगी। जो रिपोर्ट लेकर नहीं आएंगे, उनका विधानसभा में ही एंटीजन टेस्ट किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने नौ व दस दिसंबर को होने वाले विधानसभा सत्र की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में प्रमुखता से कोविड से बचाव के प्रबंधन पर चर्चा की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि तय किया गया है कि विधायक जहां से भी चलें या तो वहां जांच कराएं या फिर विधायक हॉस्टल में आरटीपीसीआर जांच कराएं।

उन्होंने कहा कि चूंकि कई विधायक दिवंगत हो चुके हैं और कई के इस्तीफे हो चुके हैं। लिहाजा, सभा मंडप में ही सत्र का आयोजन किया जाएगा। जो लोग आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर नहीं आएंगे, उनका विधानसभा के गेट पर ही एंटीजन टेस्ट किया जाएगा। कोविड से बचाव की जो भी गाइडलाइंस हैं, उनका पूर्णतया पालन किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने पूर्व विधायकों से अपील की है कि कोविड से सुरक्षा के मद्देनजर वह इस बार विधानसभा सत्र में न आएं

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा, राज्यसभा या अन्य राज्यों में सत्र के दौरान माहौल होता है, उत्तराखंड में उससे इतर बेहतर माहौल रहा है। उन्होंने कहा कि संभवतया यह इस सरकार का आखिरी सत्र है। विपक्ष लगातार बेहतर भूमिका में रहा है। इस बार भी उम्मीद है कि इसी बेहतर माहौल में सत्र संपन्न होगा।

विधानसभा सत्र के मद्देनजर बुधवार को सर्वदलीय और कार्यमंत्रणा की बैठक होगी। इसमें आगामी सत्र को लेकर मंथन होगा। विधानसभा में इस बार कौन से बिल आएंगे और क्या कार्रवाई होगी, इसका खाका तैयार किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आगामी सत्र के लिए विधायकों की ओर से 250 प्रश्न आए हैँ। उन्होंने बताया कि सत्र की कार्रवाई का वेबकास्ट भी किया जाएगा। सत्र के दौरान केवल विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष और मंत्रियों के वाहन को ही प्रवेश की अनुमति होगी।

चुनाव से ठीक पहले चौथी विधानसभा के आखिरी सत्र में हंगामे के आसार हैं। नौ नवंबर से शुरू हो रहे सत्र में बेरोजगारी, महंगाई, भू कानून और गैरसैंण के मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक रुख अख्तियार कर सकता है। कांग्रेस विधायक मंडल दल की बुधवार शाम को बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में विपक्ष अपनी रणनीति को धार देगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के काफिले हुए हमले के मुद्दे पर भी विपक्ष सदन में हमलावर नजर आ सकता है।

विपक्ष गैरसैंण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एलान किया है कि वह गैरसैंण में उपवास पर बैठेंगे। देहरादून विधानसभा में जब सत्र का आगाज हो रहा होगा, कांग्रेस के दोनों नेता भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा के बाहर उपवास करेंगे। इधर, सदन के भीतर कांग्रेस विधायक गैरसैंण के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोलने की तैयारी में हैं। इससे सदन के अंदर और बाहर गैरसैंण के मुद्दे पर सियासत गरमाने के पूरे आसार हैं।

बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था पर भी विपक्ष सरकार की घेराबंदी करेगा। आखिरी सत्र होने की वजह से विपक्ष के तेवर खासे तीखे होने के आसार हैं। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे के काफिले पर हुए हमले के मसले को भी विपक्ष सदन में जोर शोर से उठाने की तैयारी में है। इसके अलावा लोकायुक्त के मसले पर भी विपक्ष हमलावर नजर आ सकता है।

विपक्ष के हमलों को नाकाम करने के लिए सत्ता पक्ष भी रणनीति बनाएगा। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक हो सकती है। सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री बैठक लेंगे, जिसमें भाजपा सदन के भीतर विपक्ष पर पलटवार की रणनीति बनाएगी। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय उपाध्यक्ष किशन सिंह मेहता ने कहा कि दल सशक्त भू-कानून और गैरसैंण स्थायी राजधानी के साथ ही तमाम मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगा। इसके अलावा मूल निवास की सीमा 1950 किए जाने, राज्य में रोजगार के लिए स्पष्ट नीति बनाने, रोजगार में मूल निवासियों को 85 फीसदी आरक्षण, परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं और किसानों को हर दिन दो सौ रुपये मेहनताना भत्ता दिए जाने, स्पष्ट कृषि नीति बनाने, जल, जंगल, जमीन सहित तमाम मुद्दे होंगे।
 

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