विधायक महेश नेगी प्रकरण में पीड़िता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की डीएनए जांच की मांग

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उत्तराखंड में द्वाराहाट विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत की है। पीड़िता ने कहा है कि विधायक डीएनए जांच नहीं करा रहे हैं। जबकि, पार्टी के कई नेता उनकी तरफ से यह बयान दे चुके हैं कि विधायक हर प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं। उन्होंने मुकदमे की जांच में तेजी लाने की मांग भी की है।

पीड़िता ने इस शिकायत में पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल उठाए हैं। एक साल पहले मुकदमा दर्ज किया गया था। लगभग आठ माह पहले इसकी जांच महिला थाना श्रीनगर को दी गई थी। बावजूद इसके अब तक पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं की है।

पुलिस उन्हें लेकर हर उस स्थान पर गई है जहां पर पीड़िता ने घटना होना बताया है। इन सभी स्थानों पर विधायक और पीड़िता की उपस्थिति की पुष्टि भी हो चुकी है। जांच में लापरवाही जानबूझकर करने का आरोप पीड़िता ने लगाया है।

ये है पूरा मामला
बता दें कि अगस्त में विधायक की पत्नी ने एक महिला पर विधायक को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। इस मामले में मुकदमा नेहरू कॉलोनी में दर्ज किया गया था। इसके बाद महिला भी सामने आई और विधायक के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस पर महिला ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर छह सितंबर 2020 को नेहरू कॉलोनी थाने में ही विधायक के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया।

चार्जशीट दाखिल कर चुकी

इस मुकदमे में नेहरू कॉलोनी पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी थी, लेकिन तत्कालीन आईजी रेंज के हस्तक्षेप के बाद इसे वापस कराया गया और फिर जांच को महिला थाना श्रीनगर ट्रांसफर किया गया। महिला ने स्थानीय कोर्ट में अपनी बेटी के डीएनए के साथ विधायक का डीएनए मैच कराने को प्रार्थनापत्र दिया था। इस पर कोर्ट ने आदेश भी दिया, लेकिन विधायक ऊपरी अदालत से स्टे लेने में कामयाब हो गए थे।

विधायक के वकील ने भेजा महिला को नोटिस 
विधायक महेश नेगी के अधिवक्ता चंद्र शेखर तिवारी ने महिला को मानहानि क्षतिपूर्ति का नोटिस भेजा है। उन्होंने इसके लिए पांच करोड़ रुपये अविलंब अदा करने को कहा है। तिवारी का कहना है कि महिला ने अनरगल आरोप लगाकर विधायक की छवि को धूमिल किया है।

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