कोरोना संक्रमण की पहली लहर शुरू होने के बाद से बंद पड़े जनपद के प्राथमिक स्कूल भी पठन पाठन के लिए खुल जाएंगे। प्रशासन और शिक्षा विभाग ने बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए शिक्षण कार्य के लिए एसओपी तो जारी कर दी, लेकिन करीब डेढ़ साल से बंद स्कूल भवनों और परिसरों की साफ सफाई तक नहीं कराई। कहीं प्राथमिक विद्यालयों के गेट पर बारिश के पानी का तालाब बना है तो कहीं परिसर में घुटनों तक की घास उगी है। कक्षों में मकड़ी के जाले झूल रहे हैं।
पिछले साल मार्च में देशभर में कोरोना संक्रमण फैलने के बाद सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था। पिछले साल बिना परीक्षा के ही बच्चों को अगली कक्षा में दाखिला दिया गया। इस साल भी स्कूल नहीं खुल पाए और किसी तरह से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई। इस साल कोरोना संक्रमण कमजोर पड़ने के बाद प्रदेश सरकार ने पहले कक्षा छह से 12 तक के स्कूलों को खोला। अब आज सोमवार प्राथमिक स्कूलों को भी खोलने का निर्णय लिया गया है। विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है। बच्चे बिना प्रार्थना सभा के सीधे बच्चे कक्षाओं में जाएंगे। स्कूलों में खेल, सांस्कृतिक सामूहिक कार्यक्रम नहीं होंगे। बच्चों को मिड-डे मील नहीं दिया जाएगा और न ही उन्हें स्कूलों में खाद्य पदार्थ लाने की अनुमति दी गई है। शिक्षण कार्य भी तीन घंटे सुबह आठ बजे से 11 बजे तक होगा। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि स्कूल खोलने से पहले सभी कक्षों को सैनिटाइज किया जाएगा। कक्षाओं को सैनिटाइज करने के दावे तो किए जा रहे, लेकिन परिसर और कक्षों की साफ सफाई तक विभाग नहीं करा सका।
दो महीने पहले से आ रहे शिक्षक
अब तक स्कूलों में शिक्षण कार्य भले नहीं हो रहा था, लेकिन शिक्षक 12 जुलाई से बराबर स्कूल पहुंच रहे हैं। विभाग ने फरमान जारी करके शिक्षकों को स्कूल में मौजूद रहने को कहा था। इसके बाद भी स्कूल परिसरों की साफ सफाई नहीं होना विभाग की लापरवाही दर्शाता है।
डेंगू और मलेरिया का खतरा
जनपद में डेंगू और मलेरिया के केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में स्कूल परिसरों की जो स्थिति है उससे इन दोनों बीमारियों का खतरा भी सता रहा है। लालढांग क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जसपुर चमरिया के मैदान में घास उगी हुई है। परिसर में गंदगी है। विद्यालय भवन जर्जर नजर आ रहा है। प्राथमिक विद्यालय लालढांग के गेट के बाहर की बारिश का पानी से ताला बना हुआ है। पथरी क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शाहपुर शीतलाखेड़ा के परिसर में गहरी खुदाई की गई है। प्राथमिक विद्यालय गढ़ के परिसर में महीनों से घास की सफाई नहीं की गई।
बोले अभिभावक
सरकार की ओर से स्कूल तो खोल दिए गए हैं, लेकिन इन दिनों कोरोना के साथ ही डेंगू और मलेरिया का खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में अध्यापक बच्चों को इन बीमारियों से भी बचाने के लिए उपयुक्त व्यवस्था करें।
– बिजेंद्र कुमार, नया गांव
बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए पहले सभी कक्षों को पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाए। बच्चों के लिए मास्क की व्यवस्था की जाए। बच्चे छोटे हैं, इसलिए अध्यापक उन पर विशेष सतर्कता बरतें।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी। कक्षाओं को सैनिटाइज करने के साथ परिसर की साफ सफाई के निर्देश शिक्षकों को दिए गए हैं। बच्चों को डेंगू और मलेरिया से बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। शिक्षकों की तरफ से लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. विद्या शंकर चतुर्वेदी, प्रभारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार