ऋषिकेश। विदेशियों का भारत आकर हिंदी सीखने का रुझान पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है। तीर्थनगरी ऋषिकेश इसके प्रमुख केंद्र के तौर पर उभरा है। जहां दुनियाभर के सैलानी महीनों रहकर न सिर्फ हिंदी सीखते हैं, बल्कि यहां की संस्कृति और परंपरा को भी अपनाने का भरसक प्रयास करते हैं।
साउथ अमेरिका वेनेजुएला निवासी तारिणी भी इनमें से एक नाम हैं। उन्होंने यहां रहकर न सिर्फ हिंदी सीखी, बल्कि अब यहीं के बच्चों को हिंदी-अंग्रेजी का पाठ भी पढ़ा रही हैं।
जरूरतमंद बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में अक्षर ज्ञान दे रही तारिणी
तारिणी बीते दो साल से ऋषिकेश के चंद्रेश्वरगर इलाके में गरीब और जरूरतमंद बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में अक्षर ज्ञान दे रही हैं। उन्होंने यहां शक्ति स्कूल ऑफ आर्ट फॉर गर्ल्स के नाम से एक पाठशाला शुरू की है। जिसमें आसपास के करीब 30 बच्चे हिंदी-अंग्रेजी के अलावा व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त करते हैं।
संस्कृत के कई श्लोकों का बखूबी उच्चारण भी कर लेती हैं तारिणी
तारिणी न सिर्फ अच्छी हिंदी बोलती हैं, बल्कि संस्कृत के कई श्लोकों का बखूबी उच्चारण भी कर लेती हैं। तारिणी दो साल पहले ऋषिकेश घूमने आईं थीं, लेकिन बाद में यहीं की होकर रह गईं।
पिता अंतोनियो डेगनिनो ने बनारस विश्वविद्यालय में प्राप्त की है शिक्षा
तारिणी बताती हैं कि वर्ष 1960 में उनके पिता अंतोनियो डेगनिनो ने बनारस विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। भारत से उनके पिता को बहुत लगाव था, यही कारण है कि उनके पिता ने उनका भारतीय नाम तारिणी रखा। पासपोर्ट में भी उनका यही नाम है।
वेनेजुएला में भी वह समाजसेवा ही करतीं हैं। आध्यात्मिक जीवन के प्रति रुझान उन्हें भारत की ओर खींच लाया। उन्होंने केरल के आश्रम में लंबा समय बिताया। उसके बाद ऋषिकेश चली आईं। अब वह यहां गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दे रही हैं।