व्यापारियों को GST रिटर्न दाखिल करने और लेट फीस में राहत

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यदि आप व्यापारी हैं और जुलाई 2017 से अप्रैल 2021 तक जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं कर सके हैं तो आपके लिए थोड़ा राहत भरी खबर है। जीएसटी काउंसिल ने ऐसे व्यापारियों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए 31 अगस्त तक का मौका दिया है। इसके अलावा अधिकतम विलंब शुल्क भी 10 हज़ार से कम कर दिया गया है। शून्य रिटर्न में 500 रुपये अधिकतम और टर्नओवर वाले रिटर्न में एक हज़ार रुपये अधिकतम विलंब शुल्क ही भरना होगा।   राज्य कर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर गौरव कुमार पंत ने बताया कि जीएसटी की धारा 47 में परिवर्तन होने के बाद भविष्य के लिए जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-1 रिटर्न की लेट फीस व्यापारियों के टर्नओवर पर निर्धारित होगी।

यानी उनके लिए भी शून्य रिटर्न में 500 रुपया अधिकतम लेट फीस, 1.5  करोड़ रुपया टर्नओवर वाले व्यापारी के लिए अधिकतम लेट फीस दो हज़ार रुपये, 1.5 करोड़ रुपये से पांच करोड़ तक टर्नओवर वाले व्यापारियों को पांच हज़ार और पांच करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारी को दस हज़ार रुपये अधिकतम लेट फीस देनी होगी। इसके अलावा कम्पोजीशन स्कीम (छोटे कारोबार) वाले व्यापारी के लिए जीएसटीआर-4 पर लेट फीस शून्य रिटर्न में पांच सौ रुपये अधिकतम, टर्नओवर होने पर दो हज़ार रुपये अधिकतम लेट फीस तय की गई है। जबकि, इससे पूर्व सभी रिटर्न पर अधिकतम लेट फीस दस हजार रुपये थी। पांच करोड़ से अधिक के टर्नओवर के लिए जीएसटी ऑडिट अब जीएसटी करदाता द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर होगा। इसमें सीए रिपोर्ट 9सी हटाई गई है। अभी तक सीए की रिपोर्ट मांगी जाती थी। जीएसटी रिटर्न की अधिकांश देय तिथियां यानी 1, 3ु, 4, आईटीसी 04 को क्रमश: 15, 30, 60 दिनों के लिए बढ़ा दी गयी हैं।

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