व्यासी जल विद्युत परियोजना : झील में जलस्तर हुआ कम तो डूब क्षेत्र में मौजूद अपने घरों में घुसे लोग, निकालने लगे सामान

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विकासनगर: पिछले दिनों व्यासी जल विद्युत परियोजना के तहत देहरादून जिले के लोहारी गांव ने जलसमाधि ली। पानी भरने के साथ ही झील ने गांव के मकान, गौशाला, खेत-खलिहानों व पार्क आदि को अपने आगोश में ले लिया।

वहीं यमुना में डिस्चार्ज कम आने और दोनों टरबाइन के संचालन पर झील में जलस्तर कम हुआ है। इसके चलते डूबे लोहारी गांव से पानी हटने पर किनारे पर आसरा लिए ग्रामीण पहुंचे। महिलाओं ने अपने छोड़े घर को देखा और परिवार के सदस्यों के साथ जो भी संभव हो पाया सामान निकालकर डूब क्षेत्र के बाहर किए। कई ग्रामीण जलस्तर घटने से गांव में घरों और आंगन में पड़ी मछली पकड़ने में जुटे रहे।

व्यासी जल विद्युत परियोजना अभी तक छह लाख यूनिट बिजली उत्पादन कर चुकी है। जबकि एक टरबाइन से 60 मेगावाट बिजली का लगातार उत्पादन किया जा रहा है। 120 मेगावाट की परियोजना में साठ-साठ मेगावाट की दो टरबाइन लगी है। एक टरबाइन से उत्पादन सफल होने पर दूसरी को भी 12 घंटे के लिए ट्रायल रन पर रखा गया है।

जल विद्युत निगम की व्यासी परियोजना के अधिशासी निदेशक यांत्रिक हिमांशु अवस्थी का कहना है कि अभी तक परियोजना से छह लाख यूनिट बिजली उत्पादन हो चुका है। गुरुवार शाम से साठ मेगावाट क्षमता की टरबाइन को 12 घंटे के लिए ट्रायल रन पर रखकर साठ मेगावाट बिजली उत्पादन किया गया।

दूसरी टरबाइन की भी टेस्टिंग भी की जा रही है। झील में पानी कम होने की बात पर अधिशासी निदेशक ने कहा कि नदी में डिस्चार्ज कम आ रहा है, साथ ही टरबाइन चल रही है, जिसके चलते झील में पानी कम हो रहा है, यह एक सामान्य प्रक्रिया है। नदी में डिस्चार्ज बढ़ेगा तो झील का जलस्तर भी बढ़ जाएगा।

रामगंगा जल विद्युत परियोजना में लक्ष्य से आठ गुना उत्पादन

वहीं कालागढ़ स्थित रामगंगा जल विद्युत परियोजना ऊर्जा संकट से जूझ रहे प्रदेश को कुछ राहत देने की राह पर है। अब तक इस परियोजना में निर्धारित लक्ष्य से आठ गुना उत्पादन किया जा चुका है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में रामगंगा विद्युत गृह से प्रदेश को तीन मिलियन यूनिट बिजली रोजाना प्राप्त हो सकेगी।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से समन्वय कर कालागढ़ स्थित 198 मेगावाट क्षमता के रामगंगा विद्युत गृह से उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। यूजेवीएन के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि गुरुवार को रामगंगा विद्युत गृह की मशीनें 128 मेगावाट क्षमता पर चलाई गईं, जोकि पूर्व में 87 मेगावाट क्षमता पर चल रही थीं। इस प्रकार परियोजना से दैनिक उत्पादन भी बढ़कर लगभग तीन मिलियन यूनिट से अधिक होने की संभावना है, जोकि पूर्व में लगभग दो मिलियन यूनिट प्रतिदिन हो रहा था।

साथ ही विद्युत गृह से 21 अप्रैल तक 5.52 मिलियन यूनिट लक्ष्य के सापेक्ष 41.60 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया है। यह लक्ष्य से आठ गुना अधिक है। रामगंगा विद्युत गृह को विद्युत उत्पादन के लिए पानी रामगंगा बांध से प्राप्त होता है, जिसका नियंत्रण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के पास है और बांध से जल की निकासी उत्तर प्रदेश की सिंचाई मांग पर निर्भर होती है।

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