देहरादून : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की शिमला में हुई राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में शिक्षा से जुड़े कई प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकारों का हस्तक्षेप बंद किए जाने, वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य में छात्र केंद्रित एवं भविष्योन्मुखी शिक्षा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्वावलंबी भारत बनाने की ओर अग्रसर हो, जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।
गुरुवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में अभाविप की प्रदेश मंत्री काजल थापा ने मीडिया को राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में पारित प्रस्तावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक को अंतिम दिन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के अध्यक्ष प्रो.अनिल सहस्त्रबुद्धे ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपरा नई पीढ़ी तक पहुंचेगी। प्राचीन काल में भारतीय अर्थव्यवस्था अत्यंत सुदृढ़ थी। आयुर्वेद सहित विविध क्षेत्रों में भारत अग्रणी था।
अब हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तेजी से प्रयास करने होंगे। अभाविप ने उन्नत भारत जैसे अभियानों के माध्यम से देश के युवाओं को आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करने का प्रयास किया है। काजल थापा ने कहा कि बैठक में आगामी कार्यक्रमों को लेकर लक्ष्य निर्धारित किए गए। जिसमें अभाविप की 75 वर्ष की योजना, एक गांव एक तिरंगा अभियान के अंतर्गत परिषद देशभर में दो लाख गांवों तक पहुंचेगी। एक करोड़ पौधारोपण, सेल्फी विद कैंपस यूनिट, सदस्यता अभियान, ऋतुमती अभियान चलाए जाएंगे। अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि अभाविप उत्तरांचल प्रांत इन कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश की निचली इकाई तक लक्ष्य निर्धारित करेगी। इसको पूर्ण करने की दिशा में हम तेजी से प्रयास करेंगे।