शिक्षा विभाग की स्कूलों को चेतावनी, छात्र-अभिभावकों को बुलाया तो होगी कार्रवाई

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देहरादून। देहरादून के स्कूलों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के प्रति निजी स्कूल गंभीर नहीं दिख रहे। स्कूल बंद होने के बाद भी फीस जमा करवाने के लिए छात्रों और अभिभावकों को बुलाया जा रहा है। इसकी शिकायत शिक्षा विभाग को भी मिली है। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने सोमवार को सभी सीबीएसई और सीआइसीएसई स्कूलों को नोटिस जारी कर स्कूल में भीड़ एकत्र न करने की चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोरोना संक्रमण को बढ़ावा देने पर स्कूलों के खिलाफ आपदा एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।

देहरादून के निजी स्कूलों में तेजी से फैले कोरोना संक्रमण ने शिक्षा विभाग को नींद से जगा दिया है। हालांकि, सरकार की ओर से दून शहर के स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रखने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। बावजूद इसके निजी स्कूल अभिभावकों और छात्रों को फीस जमा करने के लिए स्कूल आने का दबाव बना रहे हैं। इससे स्कूलों में भीड़ जमा हो रही है। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि कुछ निजी स्कूलों की शिकायत मिली है। बिना कारण स्कूल खोलना और छात्र या अभिभावकों को स्कूल बुलाकर फीस जमा करवाने के लिए भीड़ लगाना नियम विरुद्ध है। 

परिणाम नहीं दे रहे स्कूल की शिकायत

निजी स्कूलों द्वारा छात्र-छात्राओं पर फीस वसूली का दबाव बनाने के लिए उनकी अंक तालिका एवं परिणाम जारी न करने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष फीस जमा करने में असमर्थ रहे छात्र छात्राओं को नए शैक्षिक सत्र में दाखिला ना देने और ऑनलाइन पढ़ाई से बाहर रखने के मामले भी सामने आ रहे हैं। अभिभावक एकता समिति ने माजरा स्थित एक निजी स्कूल की शिकायत मुख्य शिक्षा अधिकारी और शिक्षा मंत्री से की है। समिति के अध्यक्ष लव चौधरी ने बताया कि स्कूल ने फीस जमा करने में असमर्थ कई छात्र छात्राओं को परिणाम अब तक जारी नहीं किया। उन्होंने शिक्षा मंत्री और विभाग से मामले का संज्ञान लेकर स्कूल पर कार्रवाई की मांग की है। 

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