देहरादून । उत्तराखंड सरकार ने शैलेश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन के मानकों में बदलाव किया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे इसके प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दे चुके हैं। जिसके तहत अब 58 साल से अधिक आयु के शिक्षक इस पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। वहीं शिक्षकों की पुरस्कार के लिए कम से कम दस साल और प्रिंसिपल व प्रधानाध्यापक के लिए कम से कम 15 साल की सेवा अनिवार्य होगी।
शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए चयन के दौरान शिक्षकों का परीक्षा परिणाम, नए कार्य आदि के आधार पर यह पुरस्कार दिया जाता है। पुरस्कृत होने वाले शिक्षकों को विभाग में दो साल की सेवा का विस्तार, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं नगद धनराशि से पुरस्कृत किया जाता है, लेकिन इस पुरस्कार के लिए विभाग पर शिक्षकों के चयन में पारदर्शिता न बरते जाने के आरोप लगते रहे हैं। यही वजह है कि सरकार की ओर राज्य स्तर पर शिक्षकों को मिलने वाले इस पुरस्कार के लिए मानकों में बदलाव किया गया है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे विभाग के इस प्रस्ताव पर अनुमोदन कर चुके हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से इसके लिए भेजे गए प्रस्ताव के तहत शिक्षकों के चयन में पारदर्शिता के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित समितियों द्वारा शिक्षकों को अंक प्रदान किए जाएंगे। जनपदीय समिति की ओर से अधिकतम पांच अंक और मंडलीय समिति की ओर से भी अधिकतम पांच अंक दिए जाएंगे।
इसके अलावा मानक प्रपत्र के अनुसार अधिकतम 85 अंक दिए जाएंगे। मंडलीय समिति की ओर से भौतिक सत्यापन एवं परीक्षण के बाद प्रकरणों का मूल्यांकन किया जाएगा। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक इस पुरस्कार के लिए शिक्षक अब सेवानिवृत्त होने के दो साल पहले तक ही आवेदन कर सकेंगे।
मानकों में बदलाव की यह भी है वजह
दरअसल, शिक्षा विभाग में कई शिक्षक सेवानिवृत्ति से कुछ समय पहले इस पुरस्कार के लिए आवेदन करते हैं। जब तक पुरस्कार की घोषणा होती है तब तक ये शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके होते हैं।
ऐसे में यदि इन शिक्षकों को पुरस्कार मिलता है तो नियम के तहत इन शिक्षकों को दो साल की सेवा का विस्तार देना होगा, लेकिन विभागीय सेवा नियमावली के तहत सेवानिवृत्त होने के बाद शिक्षक को सेवा में नहीं रखा जा सकता।
शैलेश मटियानी पुरस्कार के लिए मानकों में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री का इस पर अनुमोदन मिल चुका है। बुधवार को इसका शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
– शिव विभूति रंजन, अनु सचिव शिक्षा विभाग