संत समाज ने नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन का ऐलान किया

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ऋषिकेश। संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून पर देश भर की तरह उत्तराखंड का हिंदू-मुस्लिम समाज भी बंटा नज़र आ रहा है। शुक्रवार को ऋषिकेश में आयोजित अखिल भारतीय संत समिति की एक बैठक में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। संत समाज ने सीएए का विरोध कर रहे लोगों से इसे बातचीत के ज़रिए समझने की अपील की और इसका विरोध बंद करने को कहा। उधर हल्द्वानी से ख़बर है कि मुस्लिम उलेमा इस कानून के व्यापर विरोध की रणनीति तैयार कर रहे हैं।

सरकारी संपत्ति का नुक़सान बंद करें

अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण आचार्य ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करना ग़लत है। इसका विरोध कर रहे सभी लोगों को सरकारी संपत्ति का नुक़सान बंद करना चाहिए और इस कानून को बातचीत के ज़रिए समझना चाहिए।

कृष्ण आचार्य ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि इस कानून से किसी भी देशवासी को डरने की ज़रूरत नहीं है। यह कानून किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता. इस बात को लोगों को मानना चाहिए।

भारत में ही सुरक्षा पा सकते हैं हिंदू

अखिल भारतीय संत समिति के उत्तराखंड महामंत्री ईश्वरदास ने इस कानून को दूसरे देशों में रह रहे हिंदू प्रवासियों के लिए ज़रूरी बताते हुए सभी विपक्षी दलों से अपील की कि वह सड़कों पर प्रदर्शन करने की बजाय सरकार से वार्ता कर हल निकालें। ईश्वरदास ने कहा कि दुनिया भर में हिंदुओं के पास भारत के अलावा ऐसी कोई जगह नहीं है जहां वह शरण और सुरक्षा पा सकें।

संत समिति ने देशभर के संतों का आह्वान किया है कि वह भी इस बिल के समर्थन में क्रमबद्ध तरीके से रैलियां,पदयात्रा करें जिससे इस कानून का फायदा ज़रूरतमंदों को मिल सके।

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