सख्ती के साथ ही मानवता में भी पीछे नहीं देहरादून पुलिस, जरूरतमंदों को पहुंचा रही मदद

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कोरोना महामारी में पुलिस के दो चेहरे सामने आ रहे हैं। एक तरफ तो पुलिस कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वालों और बिना मास्क, सोशल डिस्टेसिंग का पालन न करने वालों के सख्ती से निपट रहे हैं, तो दूसरी ओर घरों में अकेले बुजुर्गों, कोरोना पीड़ित परिवारों, गरीबों को मदद कर मानवता का धर्म भी निभा रही है। यहीं नहीं मौत के बाद जब अपने सामने नहीं आ रहे हैं तो पुलिस खुद उनका दाह संस्कार तक कर रही है।कोरोना महामारी में जब सभी केवल अपनी चिंता में लगे हुए हैं, वहीं दून पुलिस खुद की चिंता छोड़ दोहरी जिम्मेदारी निभा रही है। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए जहां दून पुलिस शरारती तत्वों और कुछ नासमझ लोगों के साथ सख्ती से पेश आकर कोविड गाइडलाइन का पालन करने के लिए सख्ती अपना रही है, तो दूसरी और इस महामारी में खुद और परिवार की चिंता छोड़ दून पुलिस मानवता का धर्म भी निभा रही है। इस दौरान अकेले रहे रहे बुजुर्गों, बीमार लोगों, कोरोना पीड़ितों की मदद, संकट में फंसे लोगों की दून पुलिस सेवा कर रही है। , जब कोरोना से किसी व्यक्ति की मौत हो जा रही है तो खुद अपने ही साथ छोड़ दे रहे हैं। लेकिन दून पुलिस ऐसे समय में भी अपनी जिम्मेदारी और मानवता का धर्म को नहीं छोड़ रही है और दाह संस्कार तक भी खुद करवा रही है। पिछले कोरोना संकट में भी दून पुलिस की यह मानवता का चेहरे सामने आया है। इस बार भी डीजीपी अशोक कुमार, एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, एसपी सिटी सरिता डोभाल और दून पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के इस मानवतावादी चरित्र की हर जगह जमकर प्रशंसा हो रही है।कोरोना कर्फ्यू का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ दून पुलिस ने शुक्रवार को सख्ती दिखाते हुए शहरी क्षेत्र में बेवजह सड़कों पर घूमने वाले 41 चौपहिया वाहनों और 185 दोपहिया वाहनों को सीज कर दिया। जबकि 46 वाहनों का चालान किया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी 4 चौपहिया और 81 दोपहिया वाहनों को सीज कर दिया। इस दौरान 13 वाहनों का चालान किया गया। बिना मास्क के घूमने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करते 224 लोगों और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वाले 987 लोगों के चालान कर जिले में 151900 रुपये का जुर्माना वसूला गया।

कुछ शरारती तत्व ऐसे हैं, जो पुलिस को चकमा देने के लिए जहां बैरिकेड लगाए हैं, वहां से नहीं गुजर रहे हैं और गली-मोहल्लों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन अब ऐसे शरारती तत्वों की भी खैर नहीं है। एसएसपी डॉ. योंगेंद्र सिंह रावत ने अब ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्ती से पेश आने के लिए सीपीयू और पुलिस की अलग-अलग टीमें बनाई हैं। साथ ही कुछ मोबाइल टीमें भी बनाकर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। देर शाम एसएसपी ने इस संबंध में घंटाघर पर सीपीयू और पुलिस की मीटिंग कर आवश्यक निर्देश दिए।

मानवता का चेहरा

दूसरे प्रांत में रहने वाली एक महिला ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी थी कि उनका घर कनॉट प्लेस में हैं। घर पर माता-पिता व भाई बहन सहित कुछ 16 सदस्य हैं, जो कोरोना पॉजिटिव हैं। घर पर कोई अन्य सदस्य नहीं है। जो बाहर से दवाई और समान ले आए। सूचना पर तत्काल कोतवाली पुलिस ने महिला द्वारा बताइ गई दवा आदि सामान उनके घर तक पहुंचाया। इसी तरह से उत्तर प्रदेश में कार्यरत एक उच्च पदाधिकारी ने दून पुलिस को बताया कि उनका घर आईटी पार्क में हैं, जहां उनके माता-पिता और भाई रहता है। जो कोरोना पॉजिटिव हैं। सूचना पर तत्काल राजपुर पुलिस ने सामान और दवाई उनके घर पहुंचाई।

अनिता गुप्ता पुत्र राजीव गुप्ता निवासी बाबूगढ़ विकासनगर ने सूचना दी कि उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनकी माता की इसी वजह से पूर्व में मौत हो गई थी। उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर की आवश्यकता है। कोरोना की डर से कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है। इसके बाद विकासनगर पुलिस ने ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था कर उनके घर पहुंचाया। साथ ही पुलिस जरूरतमंदों को भी राशन आदि पहुंचा रही है। जिससे कि उन्हें कोई परेशानी न हो। रायपुर पुलिस ने कुष्ट आश्रम में कई परिवारों को शुक्रवार को राशन पहुंचाया।

कोरोना के इस संकट में पुलिस की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। लिहाजा, दून पुलिस इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है। जरूरतमंदों की मदद के साथ ही सख्ती भी बरत रही है, जिससे के बढ़ते कोरोना संकट को रोका जा सके। लोगों से अपील है कि वे खुद भी एहतियात बरतें और पुलिस का भी सहयोग करें। कोई भी संकट हो तो तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दें। पुलिस चौबीस घंटे तत्पर रहकर समस्या का समाधान करेगी।
– डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, एसएसपी देहरादून

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