देहरादून। प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के बीच सचिवालय में समूह ग और समूह घ के कर्मचारियों की 50 प्रतिशत रोटेशन के आधार पर ड्यूटी लगा दी गई है। वहीं, गर्भवती महिलाओं को केवल जरूरी होने पर ही दफ्तर बुलाने का आदेश जारी हुआ है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब सचिवालय में समूह ग, समूह घ के कर्मचारी 50 फीसदी उपस्थिति के साथ रोटेशन के आधार पर ड्यूटी करेंगे। ऐसी महिला कर्मचारी जिनके बच्चे दस वर्ष से कम आयु के हैं या फिर जो गर्भवती हैं, उन्हें केवल अपरिहार्य रूप से जरूरी होने पर ही दफ्तर बुलाया जाएगा।
इसी प्रकार 55 वर्ष से अधिक आयु के गंभीर बीमारी से ग्रस्त कर्मचारियों को भी जरूरी होने पर ही दफ्तर बुलाया जाएगा। इसी तरह दिव्यांग और दृष्टि बाधित कर्मचारियों को भी जरूरी होने पर ही बुलाया जाएगा।
शासकीय हित में किसी भी कर्मचारी को दफ्तर में बुलाया जा सकता है। जहां तक संभव होगा, सभी बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएंगी। अगर जरूरी होगी तो बेहद कम कर्मचारियों के साथ ही बैठक करनी होगी।
समीक्षा अधिकारी संघ ने जताया आभार
मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी होने के बाद उत्तराखंड सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ ने आभार जताया है।
संघ के अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली और महासचिव प्रमोद कुमार ने एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मांग की थी कि दस वर्ष से कम आयु के बच्चों वाली महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और 55 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों को राहत दी जाए।