सचिवालय संघ की 14 सूत्री मांगों को लेकर शासन स्तर पर बैठक में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी, कार्यवृत्त में उन पर असहमति जताई गई। इससे सचिवालय संघ ने सख्त नाराजगी जताई है। इसके साथ ही दोबारा चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है।
‘मात्र खानापूर्ति करते हुए कार्यवृत्त जारी किया गया’
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने आरोप लगाया कि ढ़ाई घंटे से अधिक समय चली मैराथन बैठक में संघ की ओर से गोल्डन कार्ड की खामियों से लेकर सचिवालय सेवा के सभी संवर्गों की ज्वलन्त समस्याओं पर सभी तथ्य और आधार प्रस्तुत किए गए थे। बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति भी जताई गई थी। आश्वस्त किया गया था कि सचिवालय संघ को विश्वास में लेकर कार्यवृत्त जारी किया जाएगा। लेकिन इसके विपरीत आला अधिकारियों की मनमानी और हिटलरशाही के कारण सचिवालय संघ को विश्वास में लिए बिना मात्र खानापूर्ति करते हुए कार्यवृत्त जारी किया गया है। इसमें किसी भी मांग पर सहमति नहीं जताई गई है।
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए बताया कि संघ की कार्यकारिणी की ओर से इस मैराथन बैठक में अपनी समस्त ऊर्जा का संचार करते हुए सभी मांगो के परिप्रेक्ष्य में तथ्यात्मक आधार देने के बाद भी कोई निर्णय न लेने पर आला अधिकारियों के मांगों पर निर्णय को टालने की प्रवृति को किसी भी आंदोलन व हड़ताल का प्रमुख कारण माना है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक आश्वासन के कारण ही तीन दिन से दो घंटे का कार्यबहिष्कार स्थगित किया गया था।
बैठक के कार्यवृत्त की शब्दावली और सचिवालय संघ की मांगों को लेकर सोमवार को सबसे पहले वह अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और विनोद कुमार सुमन से मिलकर इसका विरोध करेंगे। इसके बाद संघ पदाधिकारियों की 10-15 मिनट की बैठक होगी, जिसमें चरणबद्ध कार्यक्रम के तहत दो घंटे कार्यबहिष्कार की रूपरेखा से सभी कर्मचारियों को अवगत कराया जाएगा। सचिवालय के प्रत्येक संवर्ग की न्यूनतम एक-एक मांग पूरी होने तक पूर्व से निर्धारित अपना चरणबद्ध आंदोलन कायर्क्रम यथावत चलाया जाएगा। आठ अक्तूबर को सभी संवर्गीय पदाधिकारियों की बैठक और 11 अक्तूबर को तीन बजे एटीएम चौक पर आमसभा होगी। इस आमसभा में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर निर्णय लिया जाएगा।