सड़क पर उतरे पीआरडी जवान, सचिवालय कूच के दौरान पुलिस से नोकझोंक

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देहरादून। प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों ने 365 दिन नौकरी, मानदेय बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को सचिवालय कू च किया। हालांकि, पुलिस ने सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारी पीआरडी जवानों को रोक दिया। इस दौरान पीआरडी जवानों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। पीआरडी जवानों ने कहा कि जबतक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है आंदोलन जारी रहेगा।

दरअसल, सालभर रोजगार और राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवान सड़क पर उतर आए हैं। बीते रोज जवान नारेबाजी कर परेड ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास के लिए निकल पड़े। हालांकि, पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। यहां कुछ देर धरना देने के बाद पीआरडी जवान सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर लौट गए।

उन्होंने सरकार से पीआरडी जवानों की सुध लेने की मांग की। कहा कि वे विभिन्न कार्यालयों व थाना-चौकियों में कोरोना महामारी में शासन-प्रशासन के साथ ड्यूटी देते रहे हैं। इसके बावजूद पीआरडी जवानों को सालभर में दो से तीन महीने ही ड्यूटी दी जाती है और ज्यादातर समय वे बेरोजगार रहते हैं। जिसमें जवानों को अपने परिवार व बच्चों का पालन-पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

वक्ताओं ने कहा कि महिला पीआरडी की सरकार की ओर से भर्ती कराई गई, जिसमें विधवा व तलाकशुदा महिलाएं अधिक हैं। इन महिलाओं को सबसे ज्यादा आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।

यह हैं मुख्य मांगें

-मार्च 2021 तक के सभी प्रशिक्षित पीआरडी जवानों को 365 दिन का रोजगार व राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और तब तक कोई नई भर्ती नहीं की जाए।

-युवा कल्याण विभाग से पीआरडी विभाग को पृथक किया जाए।

-मार्च 2021 तक के सभी पीआरडी जवानों का सत्यापन कराया जाए व विभाग का आनलाइन पोर्टल बनाया जाए।

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