देहरादून। संवाददाता। विधानसभा सत्र का पहला दिन जहां मंहगाई के मुद्दे पर समर्पित रहा वहीं सत्र का दूसरा दिन आज गन्ना किसानों की समस्याओं को समर्पित रहा। विपक्ष कांग्रेस द्वारा सदन से लेकर सड़कों तक गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है।
विधानसभा में कांग्रेस ने आज गन्ना किसानों के बकाया भुगतान तथा गन्ना समर्थन मूल्य अभी तक घोषित न किये जाने का मुद्दा सदन में जोर शोर से उठाया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि एक तरफ सरकार और भाजपा किसानों की आय दुगना करने की बात करते है तो वहीं दूसरी तरफ सालों के गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर किसान परेशान है। उन्होने कहा कि राज्य की सभी चीनी मिलों पर दो से तीन साल तक का गन्ना किसानों का भुगतान बकाया है जिसे सरकार नहीं कर पा रही है। उन्होने कहा कि क्या इसी तरह से देश व प्रदेश किसानों की आय दो गुना होगी
गन्ना किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन काफी देर तक सदन में बोले। उन्होने ब्योरेबार चीनी मिलों पर गन्ने के बकाया भुगतान का हवाला देते हुए कहा कि समय पर भुगतान न किये जाने से गन्ना किसान अपनी जरूरते पूरी नहीं कर पा रहे है। निजामुद्दीन ने कहा कि पेराई सत्र शुरू हो चुका है लेकिन सरकार द्वारा अभी गन्ने का समर्थन मूल्य भी घोषित नहीं किया जा सका है। किसानों का गन्ना खेत में खड़ा है तथा गेंहू की फसल बुताई का समय निकलता जा रहा है।
ऐसे में गन्ना किसान निजी क्रेशरों पर अपना गन्ना औने पौने पर बेचने को मजबूर है। उन्हे गन्ना मिलों को गन्ना देते समय यह तक पता नहीं है कि उन्हे उनकी फसल का क्या रेट मिलेगा। उन्होने सरकार से मांग की है कि कम से कम वह गन्ने का समर्थन मूल्य तो घोषित करे। उन्होने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही से सूबे की चार गन्ना मिले बंद हो चुकी है अगर यही हाल रहा तो न सूबे में गन्ना किसान बचेंगे और न गन्ना मिलें बचेंगी। समाचार लिखे जाने तक संसदीय कार्यमंत्री उनके सवालों का जवाब दे रहे थे और उन्होने शीघ्र गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित करने का आश्वासन दिया।