देहरादून। अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस को लेकर मची मारामारी के बीच राहत देने वाली खबर है। काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के निर्देश पर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) के वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने में सफलता हासिल की है।
संस्थान परिसर में 100 एलपीएम क्षमता का प्लांट स्थापित कर दिया गया है। इसमें बेहद सस्ती कीमत पर गैस तैयार की जाएगी। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक डॉ. अंजन रे ने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने प्रेशर वैक्यूम स्विंग एडसरप्शन (पीवीएसए) तकनीक पर आधारित मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने में सफलता हासिल की है। परिसर में 100 एलपीएम क्षमता का प्लांट लगाया गया है।
इससे प्रतिदिन 21 सिलिंडर ऑक्सीजन गैस का उत्पादन किया जाएगा। निदेशक डॉ. रे ने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने जो अत्याधुनिक ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया गया है उसके जरिये 1000 लीटर ऑक्सीजन गैस तैयार करने में सिर्फ 13 रुपये का खर्च आएगा।
बहरहाल संस्थान का प्रयास है कि देश के ऑक्सीजन गैस प्लांट निर्माता कंपनियों के जरिये उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएं। ताकि, कोरोना संकट से जूझ रहे गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति की जा सके। ऑक्सीजन प्लांट निर्माता कंपनियों को काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की ओर से लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
आईडीपीएल के ऑक्सीजन प्लांट को पुनर्जीवित करने की तैयारी
ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार की निगाह अब ऋषिकेश की आईडीपीएल पर गई है। इसके बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को प्रदेश सरकार ने शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि इस प्लांट के शुरू होने पर अन्य राज्यों की ऑक्सीजन की कमी को भी दूर किया जा सकता है।
शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने आईडीपीएल ऋषिकेश के ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया और इसको पुनर्जीवित करने के लिए आईडीपीएल के जीएम एवं तकनीकी स्टाफ से बातचीत की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि आईडीपीएल के ऑक्सीजन प्लांट को पुनर्जीवित करने के लिए उर्वरा एवं रसायन मंत्री से भी बात की जाएगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी बात की
आईडीपीएल के आक्सीजन प्लांट को पुनर्जीवित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी बात की। विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक आईडीपीएल ने लंबे समय तक देश और विदेशों में अनेक प्रकार की दवाइयां सप्लाई की थीं। अब लंबे समय से आईडीपीएल बंद है। यहां स्थित ऑक्सीजन प्लांट भी 15 साल से बंद है। एक समय था जब यहां पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन तैयार की जाती थी।
देश भर की ऑक्सीजन की कमी कुछ हद तक दूर करने में सक्षम
विधानसभा अध्यक्ष ने दावा किया कि आईडीपीएल के ऑक्सीजन प्लांट को पुनर्जीवित किया जाए तो देश भर में ऑक्सीजन की किल्लत को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
कोविड की कई दवाइयां बन सकती हैं
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आईडीपीएल में कोविड से संबंधित दवाइयां भी बनाई जा सकती हैं। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री उर्वरा व रसायन मंत्री को पत्र लिखा था। आईडीपीएल के महाप्रबंधक गंगा प्रसाद अग्रहरि, जयपाल त्यागी, अरविंद चौधरी, रमेश चंद्र शर्मा, सुंदरी कंडवाल, महावीर चमोली, तिलक चौहान, अनार सिंह चौहान आदि लोग उपस्थित थे।