देहरादून। संवाददाता। अपना मानदेय बढ़ाये जाने और स्कूल स्टाफ द्वारा मानसिक उत्पीड़न होने जैसी समस्याओं को लेकर आज भोजनमाताओं ने सचिवालय कूच किया। जिन्हे सुभाष रोड पर बैरिकेटिंग लगाकर पुलिस द्वारा रोक दिया गया तो वह वही धरने पर बैठ गयी और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
प्रगतिशील भोजन माता संगठन की अध्यक्षा हंसा देवी का कहना है कि भोजन माताओं से स्कूलों में सिर्फ भोजन ही नहीं बनवाया जाता है उनसे साफ सफाई और जंगल से लकड़ी लाने तक के काम कराये जाते है और किसी भी काम के लिए मना करने पर काम से हटाने की धमकियां भी दी जाती है उन्होने कहा कि भोजन माताओं का यह उत्पीड़न बंद होना चाहिए। कहा कि भोजन माता का काम करने वाली 27 हजार महिलाओं में से अधिकांश विधवा व बेसहारा है तथा उनके कंधो पर ही अपने परिवार का पालन पोषण करने की जिम्मेदारी भी है।
उन्होने कहा कि वह लम्बे समय से अपना मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही है तथा इस बाबत कई बार मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपा जा चुका है लेकिन शासन और सरकार के स्तर पर उनकी कोई बात सुनने वाला नहीं है जिससे मजबूर होकर अब वह आंदोलन कर रही है।
भोजन माताओं ने सुभाष रोड पर नारेबाजी करते हुए कहा कि अगर सरकार उनका मानदेय 15 हजार नहीं करती है तो उनका आंदोलन और तेज होगा। प्रदर्शन को दीपा उप्रेती और कमलेश ने भी सम्बोधित किया। उनकी मांग है कि उनका मानदेय कम से कम 15 हजार किया जाये तथा उनकी स्थायी नियुक्ति की जाये।