नेगी ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में ऑक्सीजन की खपत आठ मीट्रिक टन थी जो कि इस साल 15 से 20 मीट्रिक टन हो गई। वर्तमान में 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत है। जैसे-जैसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी, ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ेगी। हमारे पास इसकी पर्याप्त क्षमता है।सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में पिछले साल अप्रैल में 1193 टाइप बी ऑक्सीजन सिलिंडर थे, जबकि वर्तमान में इनकी संख्या 9917 पहुंच गई है। यह सभी सिलिंडर अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल अप्रैल में ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स 275 थे, जो इस साल अप्रैल में 1275 हुए और वर्तमान में 3275 हैं।पिछले साल एक अप्रैल को सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट था। इस साल एक अप्रैल से मेला हॉस्पिटल हरिद्वार में था और वर्तमान में छह जगह हो गया है। जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग, जिला अस्पताल रुद्रपुर, हेमवती नंदन बहुगुणा अस्पताल हरिद्वार, बेस हॉस्पिटल हल्द्वानी में भी ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो रहा है।
इन सभी प्लांट से 2330 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की क्षमता सृजित कर ली है। सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल चमोली, एसडीएच नरेंद्र नगर, जिला अस्पताल अल्मोड़ा, जिला अस्पताल चंपावत, जिला अस्पताल उत्तरकाशी, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ सहित नौ जगहों पर जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे। वहीं, प्रदेश में 13,200 रेमडेसिविर इंजेक्शन लाए जा चुके हैं, जिसमें दो बार स्टेट प्लेन के माध्यम से अहमदाबाद से इंजेक्शन मंगवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। जनता का सहयोग भी बहुत जरूरी है।
दो दिन में कालाबाजारी की 147 शिकायतें आईं
आईजी अमित सिन्हा ने दवाओं की कालाबाजारी को लेकर की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा कालाबाजारी रोकने हेतु 112 टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत की व्यवस्था की गई है। बीते दो दिन में 147 शिकायतें पुलिस टीम को प्राप्त हुई हैं, जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर की ओवर रेटिंग के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर, जीवन रक्षक दवा एवं हॉस्पिटल बेड की कालाबाजारी को लेकर कोई बात सामने आती है तो जल्द उन्हें पकड़ लिया जाएगा। आईजी सिन्हा ने बताया कि पुलिस मास्क ना पहनने वालों के चालान की कार्रवाई कर रही है।
हालांकि लोगों में काफी जागरूकता आई है। वहीं, डीआईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी लोगों को फोन कॉल्स किए जा रहे हैं। बीते छह दिन में लगभग 26 हजार लोग होम आइसालेशन में रह रहे थे। एसडीआरएफ की टीम रोजाना लगभग पांच हजार फोन कॉल करती है। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत सामने आती है तो उनकी संबंधित डॉक्टरों से बात भी कराई जा रही है। बीते दो दिन में 600 से ज्यादा मरीजों की डॉक्टरों से मरीजों की बात कराई जा रही है।