देवस्थानम बोर्ड भंग करने के सीएम पुष्कर सिंह धामी के फैसले से प्रदेशभर के तीर्थ पुरोहितों और साधु-संतों में खुशी की लहर है। चारधामों के तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारी बोर्ड का गठन होने के बाद से ही विरोध कर रहे थे। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को चुनावी मुद्दा बनाने को लेकर भी सरकार पर दबाव था।
सत्य, सनातन और परंपराओं की जीत हुई है। मैं देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए सरकार का धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूं। जल्द चारों धामों से सभी तीर्थपुरोहित मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।
– रावल हरीश सेमवाल, अध्यक्ष श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति।
धर्म पर कानून का पहरा नहीं होना चाहिए। जब भी धर्म पर कानून का पहरा होता है तो धर्म बिगड़ जाता है। केंद्र की मोदी सरकार के कृषि बिल वापसी के बाद राज्य में धामी सरकार ने बड़ा दिल दिखाया है। जो धर्म की रक्षा करता है संसार में वही टिकता है। देवस्थानम बोर्ड भंंग करने के लिए सरकार का धन्यवाद है।
– सुरेश सेमवाल, सचिव श्री गंगोत्री मंदिर समिति।
आखिर सरकार ने माना कि तीर्थपुरोहितों की लड़ाई सत्य की लड़ाई थी। सत्य की विजय हुई है। सरकार भी सत्य के साथ खड़ी हुई। इसके लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद।
– कृष्ण कांत कोठियाल, अध्यक्ष चारधाम तीर्थपुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत
तीर्थपुरोहितों के दो साल से चल रहे आंदोलन का नतीजा है कि सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा की। ये कार्य पहले ही हो जाना चाहिए था। मगर सत्ता में बैठे कुछ लोगो की हठधर्मिता के कारण ये लड़ाई इतनी लंबी चली। मुख्यमंत्री की पहल स्वागतयोग्य है।
– अशोक टोडरिया, बद्रीश पंडा पंचायत कोषाध्यक्ष।
प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसका आने वाले समय में सरकार को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने से साधु संतों के साथ ही तीर्थ पुरोहितों में भी खुशी की लहर है।
– अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी (निरंजनी)