सल्ट चुनाव के बाद मंडी समितियों के अध्यक्षों को लेकर फैसला करेगी सरकार

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उत्तराखंड में कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती एवं प्रोत्साहन (एपीएलएम) एक्ट लागू होने के बाद से मंडी समितियों के अध्यक्षों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। नए एक्ट के तहत अध्यक्षों का नए सिरे से मनोनयन होना है, मगर पिछली त्रिवेंद्र सरकार में इस पर फैसला नहीं हो पाया था। अब बीते 11 माह से इस संबंध में बनी गफलत को सरकार दूर करने जा रही है। विधानसभा की सल्ट सीट के 17 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के बाद मंडी समितियों में अध्यक्ष मनोनीत करने की तैयारी है। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से वार्ता कर जल्द ही इस बारे में निर्णय ले लिया जाएगा।
प्रदेश की मंडी समितियां पूर्व में कृषि उत्पाद विकास एवं विनियमन (एपीएमसी) एक्ट के तहत गवर्न हो रही थीं। इसी एक्ट के तहत 14 जनवरी 2020 को तत्कालीन सरकार ने 15 मंडी समितियों के अध्यक्ष मनोनीत किए थे। बाद में सरकार ने एपीएमसी के स्थान पर केंद्र के माडल एपीएमसी एक्ट को राज्य में लागू करने का निर्णय लिया। नौ मई 2020 को अध्यादेश के जरिये इसे लागू किया गया और 22 अक्टूबर को यह अधिनियम बना। नया एक्ट लागू होने के बाद इसी के हिसाब से अध्यक्षों का मनोनयन होना था। एक्ट में भी प्रविधान किया गया है कि सरकार दो साल के लिए अध्यक्ष नामित करेगी और फिर चुनाव कराए जाएंगे

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