देहरादून। सिख धर्म के प्रथम गुरु श्री गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व सादगी के साथ मनाया जा रहा है। कई गुरुद्वारों में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते प्रकाश पर्व वर्चुअल तरीके से मनाया जा रहा है। बंद पैकेट में लंगर बांटा जा रहा है। इसके अलावा गुरुद्वारा में आने वाले श्रद्धालु शारीरिक दूरी बनाकर मत्था टेक सकें, इस व्यवस्था को बनाने के लिए गुरुद्वारा परिसर में सेवादार सेवा में जुटे हैं। वहीं, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को गुरु नानक प्रकाशोत्सव और कार्तिक पूर्णिमा पर शुभकामनाएं दी हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व हर वर्ष उत्साह के साथ मनाया जाता है। तीन दिन पहले से ही भव्य आयोजन शुरू होते हैं, नगर झांकी निकाली जाती है। लेकिन, इस बार कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी गुरुद्वारा कमेटियों ने पर्व को सादगी के साथ मनाने का निर्णय लिया गया। गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार, गुरुद्वारा नानकसर सत्संग सभा रायपुर, पटेलनगर, रेसकोर्स, प्रेमनगर आदि गुरुद्वारे में सुबह अखंड पाठ किया गया। उत्तराखंड सिख को-ऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष गुरुदीप सिंह सहोता ने बताया कि प्रकाश पर्व पर होने वाली भव्य आतिशबाजी इस बार नहीं की गई। आतिशबाजी न करने का निर्णय बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया गया है। सिख समाज अपने घरों में ही सजावट कर प्रकाश पर्व की खुशियां साझा करेगा।
गुरुसिंह सभा आढ़त बाजार के महासचिव सेवा सिंह मठारू ने बताया कि सिख समाज कोरोना वायरस महामारी के समय हमेशा से शासन की गाइड लाइन का पालन करता आ रहा है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु यदि किसी कारणवश गुरुद्वारा नहीं आ सके, उनके लिए फेसबुक पर लाइव कीर्तन किए जा रहे हैं। गुरुद्वारे में नितनेम का पाठ और कीर्तन का सजीव प्रसारण किया गया।
पूर्व संध्या पर किया शबद कीर्तन
श्री गुरुनानक देव के पावन प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर रविवार को शहर के गुरुद्वारों को लाइटों से सजाया गया। गुरुसिंह सभा आढ़त बाजार, गुरुद्वारा नानकसर सत्संग सभा रायपुर, पटेलनगर, रेसकोर्स, प्रेमनगर समेत कई गुरुद्वारों में सुबह रागी जत्थे ने शबद कीर्तन किए।