देहरादून। राज्य के 12 लाख मनरेगा श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही मनरेगा श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा अधिनियम के दायरे में लाकर उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा, ऋण, बीमा, पेंशन आदि योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसके लिए श्रम मंत्रालय खाका तैयार कर रहा है।
श्रम विभाग के मुताबिक प्रत्येक जिले में एनडीयूडब्ल्यू (नेशनल डाटाबेस ऑफ अनऑर्गनाइज्ड वर्कर) पोर्टल पर मनरेगा श्रमिकों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा उन श्रमिकों का भी डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिन्हें पेंशन और ईएसआई की सुविधा नहीं मिलती है। असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों का डाटाबेस तैयार होने के बाद श्रम मंत्रालय की ओर से श्रमिकों को भविष्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेंशन, बीमा आदि की योजनाएं मिलेंगी।
इसके साथ ही उन्हें कौशल विकास के लिए कई तरह के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। असंगठित क्षेत्रों के श्रमिक भी सीएससी के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं। मनरेगा श्रमिकों को एक दिन में 204 रुपये मेहनताना दिया जाता है। श्रमिकों के हित के लिए केंद्र सरकार की ओर से उनकी सुरक्षा के लिए फैसला लिया गया है। सामाजिक सुरक्षा अधिनियम के तहत इन्हें लाभ दिए जाएंगे।
राज्य में 12 लाख 32 हजार लोगों को दिए गए हैं जॉब कार्ड
मनरेगा प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में 12 लाख 32 हजार श्रमिकों को जॉब कार्ड दिए गए हैं। वर्तमान में 12 लाख श्रमिक सक्रिय हैं। इनमें से अनुसूचित जाति के 17.09 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति के 3.77 प्रतिशत श्रमिक हैं।
केंद्र सरकार की ओर से ई-श्रम पोर्टल लॉन्च कर दिया गया है। विभाग की ओर से सभी जिलों के मनरेगा और असंगठित श्रमिकों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। श्रमिकों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए सीएससी के माध्यम से पंजीकरण कराना होगा। भविष्य में केंद्र सरकार की ओर से असंगठित श्रमिकों को कई योजनाओं से जोड़ने की तैयारी है।
-प्रशांत कुमार, सहायक श्रमायुक्त