सालम क्रांति के शहीदों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता : गोदियाल

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जैंती (अल्मोड़ा) : सालम क्रांति के महानायकों को नमन् करने के लिए धामदेव में रेला उमड़ा। बलिदानी सपूतों को याद कर वीरभूमि भारत माता की जय के उद्घोष से गूंज उठी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं मौजूदा विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल समेत तमाम कांग्रेसियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर क्रांतिकारियों के सपनों का राष्ट्र निर्माण को आगे आने का संकल्प लिया। गोदियाल ने कहा कि सालम क्रांति के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अतुलनीय योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

जिला मुख्यालय से करीब 74 किमी दूर लमगड़ा ब्लाॅक के धामदेव में बुधवार को सालम क्रांति के सपूतों का भावपूर्ण स्मरण किया गया। कुमाऊं में जै (जय) हिंद का नारा देने वाले तल्ला बिनौला निवासी स्वतंत्रता समग्राम सेनानी राम सिंह धौनी की अगुआई में आजादी के दीवाने गोरों के खिलाफ धामदेव में जुटे थे। आज ही के दिन सन् 1942 में सालम के धामदेव में ब्रिटिश हुकूमत के निर्देश पर क्रांतिकारियों पर गोलियां बरसाई गई थी। चौकुना गांव के क्रांतिवीर नर सिंह धानक व कांडे गांव के टीका सिंह कन्याल शहीद हो गए थे।

राम सिंह धौनी के साथ ही दुर्गा दत्त शास्त्री (नया संग्रोली), भवान सिंह धानक, मर्च राम, दुर्गा सिंह कुटौला, नैन सिंह अड़ौला, उत्तम सिंह जंतवाल, रेवाधर पांडे, शिव दत्त पांडे, छविदत्त, खड़क सिंह, हर सिंह नेगी समेत डेढ़ सौ स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने फांसी, कालापानी व आजीवन कारावास की सजा सुनाई। क्रांतिकारी राम सिंह धौनी व रेवाधर पांडे को फांसी की सजा को बदल कर आजीवन कारावास में बदला गया। शिव दत्त गुरुरानी व प्रताप सिंह बोरा को काला पानी की सजा दी गई।

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