ऋषिकेश। 18 सितंबर 2016 में उरी में हुए आतंकी हमले में घायल हुए सीआरपीएफ के जवान यमकेश्वर के मल्ला बणास निवासी सुखबीर सिंह का निधन हो गया है। वह लंबे समय तक आर्मी अस्पताल भर्ती रहे। पिछले एक सप्ताह से हुए गुड़गांव की एक निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। सोमवार सुबह उनके पैतृक गौरी घाट में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक में मल्ला बणास गांव निवासी 50 वर्षीय सुखबीर सिंह बिष्ट पुत्र चतर सिंह बिष्ट सीआरपीएफ में तैनात थे। 18 सितंबर 2016 को उरी में हुए आतंकी हमले में सुखबीर सिंह बिष्ट के पेट में गोली लग गई थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लंबे समय तक रामपुरा के सैनिक अस्पताल में उपचार के बाद उनकी हालत में कुछ सुधार भी हुआ था। जिसके बाद उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन कर ली थी।
उनके पारिवारिक सदस्य व पूर्व प्रधान बचन सिंह बिष्ट ने बताया कि करीब तीन माह पूर्व सुखबीर सिंह के पेट में दर्द की शिकायत होने पर उन्हें फिर से सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से करीब एक सप्ताह पूर्व स्वजन उन्हें गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में ले आए थे। जहां रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
सोमवार को सीआरपीएफ के वाहन से उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया गया। जहां से अंतिम दर्शन के बाद गंगा के गौहरी घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सुखबीर सिंह के निधन होने के समाचार से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।