सीएम को हटाया जाता है तो लोगों के लिए सवाल उठाना स्वाभाविक – त्रिवेंद्र सिंह रावत

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि जब एक सीएम को हटाया जाता है तो लोगों के लिए सवाल उठाना स्वाभाविक है।उन्होंने कहा कि पार्टी के हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह पार्टी के फैसलों का पालन करे। जब सवाल उठते हैं तो जवाब देना पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी होती है। पद से हटने के लगभग पांच माह बाद पहली बार त्रिवेंद्र ने अपने दिल की बात बताई।

युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की कमान संभाली
बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद मुख्यमंत्री बने तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल बेहद छोटा रहा और चार माह पहले ही उन्होंने संवैधानिक अड़चन का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तीरथ के बाद राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की कमान संभाली।
आठ मार्च को बुलाया गया दिल्ली
आठ मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया था। दिल्ली में उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। नौ मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून लौटकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंप दिया था। 10 मार्च को भाजपा विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को नया नेता चुना गया था।

मध्य सत्र में जो हुआ था, वो मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा : त्रिवेंद्र
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि विधानसभा सत्र के मध्य में जो भी हुआ था, एक क्षण के लिए वह उन्हें कुछ अच्छा नहीं लगा। लेकिन पार्टी का सिपाही होने के नाते हाईकमान के निर्णय को उन्होंने शिरोधार्य लिया।

त्रिवेंद्र अपने डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने के फैसले को गलत बताए जाने से संबंधित बयान से उन्होंने असहमति प्रकट की। उन्होंने कहा कि उनके बयान के अलग निहितार्थ निकाले गए। त्रिवेंद्र ने सफाई दी कि मुझसे यह सवाल पूछा गया था कि जब मध्य सत्र में आपको हटाया गया तो क्या आपको खराब नहीं लगा। मेरा जवाब था कि हां, थोड़ा सा अच्छा नहीं लगा जब मध्य सत्र में यह सबकुछ हुआ। स्वाभाविक रूप से जब सत्र चल रहा हो, तो ऐसा होना अच्छा नहीं है।

पार्टी के सिपाही के नाते मैं यह कहना चाहूंगा कि पार्टी ने जो भी निर्णय लिया, मैंने उसको हमेशा शिरोधार्य किया है। पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी, उसको अच्छी तरीके से निभाने की कोशिश की। जितना मैं समझ सकता हूं, मैंने अपनी ओर से अच्छा करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जब एक सीएम को हटाया जाता है तो स्वाभाविक है कि लोग सवाल उठाते हैं, लेकिन पार्टी के हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है कि वह पार्टी के फैसले का पालन करे। जब सवाल उठाए जाते हैं तो जवाब पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी होती है।

अटल आयुष्मान, ट्रांसफर एक्ट और देवस्थानम बोर्ड कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि, जनता तक ले जाएं
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में अटल आयुष्मान योजना, ट्रांसफर एक्ट और देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की उपलब्धि को जनता के बीच लेकर जाना चाहिए। देवस्थानम बोर्ड की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना से पूर्व सभी पहलुओं पर विचार किया गया था। ये दुनिया के 25 करोड़ हिंदुओं की सुविधा के लिए बनाया गया है। बता दें कि तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं और धामी सरकार ने इस कानून को लेकर हाईपावर कमेटी बनाने की घोषणा की है। त्रिवेंद्र ने कहा कि हिमाचल राज्य में भी सभी प्रमुख मंदिर

 

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