देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी में रविवार सुबह ग्लेशियर फट गया। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। वहीं, चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे। ऋषि गंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। वहीं, आपदा के दौरान रैणी में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त, सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है। तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कई मजदूर भी सुरंग में फंसे हैं। वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा में मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। सीएम ने चमोली का दौरा किया। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, आप सभी धैर्य बनाए रखें। लोगों की मदद के लिए जो भी जरूरी कदम हैं वो सरकार उठा रही है।
अपर जिलाधिकारी टिहरी शिव चरण द्विवेदी ने बताया कि धौली नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलने के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया है। सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऋषिकेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। नदी से बोट संचालन और राफ्टिंग संचालकों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो।
चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि काफी नुकसान की सूचना आ रही है। लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं। टीम मौके पर जा रही है, उसके बाद ही नुकसान की स्थिति स्पष्ट होगी।
तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त
बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने के बाद बांध क्षतिग्रस्त हुआ। जिससे नदियों में बाढ़ आ गई है। तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। श्रीनगर में प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है। वहीं, नदी में काम कर रहे मजदूरों को भी हटाया जा रहा है।
उधर, बाढ़ के बाद अब धौली नदी का जल स्तर पूरी तक रूका हुआ है। स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार, गढ़वाल की नदियों में पानी ज्यादा बढ़ा हुआ है। करंट लगने से कई लोग लापता बताए जा रहे है।
उत्तराखंड के लोग साहसी, किसी भी आपदा को मात दे सकते हैं : पीएम मोदी
चमोली जिले के रैणी गांव से ऊपर ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की। उस समय वह पश्चिमी बंगाल में चुनावी जनसभा में थे। जनसभा में ही उन्होंने उत्तराखंड में आई आपदा का जिक्र किया। कहा कि उत्तराखंड के लोग साहसी हैं और वे किसी भी आपदा को मात दे सकते हैं।
बाढ़ की घटना के बाद देहरादून से लेकर दिल्ली तक सब अलर्ट हो गए। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि घटना पर बराबर नजर लगाए हुए हैं। भारत देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है, राष्ट्र सबकी सुरक्षा की प्रार्थना करता है। वह वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं। एनडीआरएफ ने बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने सारे कार्यक्रम रद कर चमोली जिले के लिए रवाना हो गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे बात की और पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।
पश्चिम बंगाल में एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड इस समय आपदा का सामना कर रहा है। एक ग्लेशियर टूटने की वजह से वहां नदी का जलस्तर बढ़ गया। नुकसान की खबरें धीरे-धीरे आ रही हैं। मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, एनडीआरएफ के अफसरों से निरंतर संपर्क में हूं। वहां राहत व बचाव का कार्य पुरजोर करने का प्रयास चल रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। मेडिकल सुविधाओं में कोई कमी न हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। वहां दो एक दिन पहले ही काफी बर्फबारी भी हुई थी। मौसम काफी ठंडा है। लोगों की परेशानी कम से कम करने के लिए सरकार पूरा प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऐसे परिवार मुश्किल से मिलते हैं, जिनका कोई सदस्य फौज में न हो। वहां के लोगों का हौसला किसी भी आपदा को मात दे सकता है। उत्तराखंड के साहसिक लोगों के लिए मैं प्रार्थना कर रहा हूं, बंगाल प्रार्थना कर रहा है, देश प्रार्थना कर रहा है।