ऋषिकेश। सोमवार से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट के पहले स्टेशन योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का विधिवत संचालन प्रारम्भ हो गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। चारधाम सड़क परियोजना और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। प्रदेशवासियो का पहाड़ में रेल का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम सड़क परियोजना़, उत्तराखण्ड़ के लिए लाईफ लाईन साबित होगी। इनके बनने पर राज्य में आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी और बड़े पैमाने पर आजीविका के संसाधन विकसित होंगे। वो दिन दूर नहीं जब पर्यटक और श्रद्धालु रेल से आएंगे और उत्तराखण्ड के स्थानीय लोग भी अपने उत्पाद शहरों और बाजारों तक रेल से पहुंचा रहे होंगे।
उत्तराखण्ड में 16,216 करोड़ रूपए की 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इस परियोजना का पहला स्टेशन न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन बन कर तैयार हो चुका है।
परियोजना को 2024-25 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री भी इस परियोजना पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उनके द्वारा समय-समय पर इसकी प्रगति की समीक्षा की जाती रही है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यह प्रोजेक्ट रेल मंत्री पीयूष गोयल की प्राथमिकताओं में भी है। रेल मंत्रालय द्वारा इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रेल निगम अधिकारियों के साथ स्टेशन निर्माण के दौरान कई बार निरीक्षण किए थे।
योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का निर्माण पूरा होने के बाद यहां से सोमवार से विधिवत रूप से ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। सुबह साढ़े दस बजे जम्मू-तवी एक्सप्रेस यहां पहुंची, जिसका तीर्थनगरी के लोगों ने दिल खोलकर स्वागत किया। हरिद्वार में होने जा रहे महाकुंभ के दौरान भी योगनगरी ऋषिकेश से रेलगाड़ियां चलेंगी। ऐसे में इस स्टेशन की अहमियत और भी बढ़ जाती है।