देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही अल्मोड़ा व पिथौरागढ के मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास का एजेंडा तैयार किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं के विकास के लिये इन मेडिकल कॉलेजों का चिकित्सा सुविधाओं के दृष्टिगत सुविधायुक्त एवं व्यवस्थित होना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों के सम्बन्ध में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं आदि का आंकलन कर विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध करने के भी निर्देश दिये हैं।
मंगलवार को सचिवालय में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं आदि की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को सुपर स्पेसिलिटी सेंटर के रूप में व्यवस्थित करने के भी निर्देश दिये।
उन्होंने इसके लिये भूमि की उपलब्धता पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की उपलब्धता रहे यह भी देखा जाय। उन्होंने एमसीआई के मानकों के अनुकूल प्रोफेसरों आदि की नियुक्ति की भी नियमावली तैयार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में यदि निजी क्षेत्र में कोई मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव आता है तो उसके लिये भी नीति का निर्धारण किया जाय। हमारा उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर ढंग से बढ़ावा देना है।
बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पिछले 6 माह में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में अनेक कार्य किये गये हैं। जिससे कॉलेज की व्यवस्थायें बेहतर हुई है। मेडिकल कॉलेज के लिये 7 करोड़ की हाईटेक सी.टी मशीन, 120 वेंटिलेटर, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीन, 200 बेड का कोविड अस्पताल जिसमें 30 बेड आईसीयू युक्त, कोविड लैब, नया टी.बी वार्ड, डायलिसिस यूनिट, एम.आर.यू रिसर्च सेंटर, बाउंड्रीवाल का निर्माण, पैरा मेडिकल सत्र की शुरूआत, 6 विषयों में पीजी कोर्स की शुरूआत हाईटेक ऑडिटोरियम, 500 बेड हेतु ऑक्सीजन यूनिट, ए.आर.टी सेंटर की स्थापना, प्लाजमा थेरेपी मशीन आदि की व्यवस्था शामिल है।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि कॉलेज में वर्तमान में 125 एम.बी.बी.एस छात्र 5 बैच में अध्ययनरत हैं। अगले सत्र में यह संख्या 150 हो जायेगी। कॉलेज में 25 छात्र पी.जी डिप्लोमा के तथा पेरामेडिकल डिग्री के 90 छात्रों के अध्ययनरत रहने की व्यवस्था है।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, प्रभारी सचिव डॉ पंकज पाण्डेय, अपर सचिव युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।