देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम, बचाव व राहत कार्यो की समीक्षा की। अभी तक मुख्यमंत्री राहत कोष को दान के रूप में 55 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। वहीं इस कोष से अभी तक जरूरतमंदों की मदद, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार समेत विभिन्न जरूरतों के लिए 52.50 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से राहत कोष में सहयोग करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण आम जनमानस के स्वास्थ्य व आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां पेश हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में देश और प्रदेश की जनता की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया जा रहा है। इसमें सफाई कर्मचारियों, दैनिक वेतनभोगियों, कर्मचारियों, अधिकारियों, महानुभावों, विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, विभिन्न निगमों, शैक्षणिक संस्थाओं, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों व आम जनता शामिल है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से मुख्य रूप से बेसहारा, निर्धन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और जरूरतमंद छात्रों व पर्यटकों की भोजन व्यवस्था को जिलाधिकारियों का 30 करोड़, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को 10 करोड़, चिकित्सा शिक्षा विभाग को 10 करोड़, गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के पर्यटक गृहों में क्वारंटाइन सुविधाएं विकसित करने को एक करोड़ पर्यटन विभाग को, राज्य के विभिन्न स्थानों पर फंसे पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने को एक करोड़ परिवहन निगम व नई दिल्ली में फंसे उत्तराखंड के जरूरतमंदों की भोजन व ठहरने की व्यवस्था को 50 लाख रुपये अपर स्थानिक आयुक्त को दिए गए हैं। कोरोना वॉरियर्स के जीवन को दुर्भाग्यवश क्षति होने पर उनके आश्रितों को सम्मान निधि के रूप में 10 लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया है।
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने बताया कि कतिपय उद्योग, कंपनियां, व्यावसायिक प्रतिष्ठान सीएसआर के तहत राज्य को वित्तीय सहायता देने के इच्छुक हैं, वे राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पक्ष में अपना योगदान कर सकते हैं।