जीवनभर पेड़ों को बचाने की लड़ाई लड़ने वाले सुंदरलाल बहुगुणा आखिरकार उन्हीं पेड़ों में विलीन हो गए। वन, पर्यावरण के प्रति उनके प्रेम को देखते हुए उनकी अस्थियां सुंदरवन में पेड़ों की जड़ों में विसर्जित की गई। यहां 2010 में उन्होंने खुद पहला पौधा लगाया था, जो आज घने जंगल के रूप में बदल चुका है।2009 से 2011 के दौरान उन्होंने शुक्लापुर में प्रवास किया था। 2010 में करीब पांच हेक्टेयर जमीन में उनके सम्मान में सुंदर वन-फूड पार्क फॉर वाइल्ड एनिमल्स की स्थापना की गई थी। तब उन्होंने पहला पौधा लगाकर उस जंगल की नींव रखी थी।आज वहां एक घना और हराभरा जंगल आकार ले चुका है। वहां न केवल सैकड़ों तरह के पेड़-पौधे हैं बल्कि कई प्रजातियों की पक्षियां और वन्य जीव भी हैं। सोमवार को पर्यावरणविद् पद्मभूषण डा. अनिल जोशी ने उनकी अस्थियों को पौधों को समर्पित कर दिया।
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