देहरादून। सीमांत चमोली जिले में बर्फ से लकदक औली तो सैलानियों को अपनी ओर खींच ही रही, अब नीती घाटी में टिम्मरसैंण महादेव की मार्च में होने वाली यात्रा भी आकर्षण का केंद्र बनेगी। औली में अगले माह राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग स्पर्धा की तैयारी है, जबकि टिम्मरसैंण यात्रा पहली बार शुरू की जा रही है। टिम्मरसैंण महादेव में अमरनाथ की तरह ही बर्फ के शिवलिंग के दर्शन होते हैं। जाहिर है कोरोना संकट के कारण बुरी तरह प्रभावित पर्यटन उद्योग को शीतकाल में पटरी पर लाने में यह दोनों स्थल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सरकार की नजरें भी इन पर टिकी हैं और इसी लिहाज से तैयारियां भी चल रही हैं।
हिम क्रीड़ा केंद्र औली हमेशा से ही सैलानियों और प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र रही है। इन दिनों भी औली की बर्फ से ढकी ढलानों और बर्फबारी का लुत्फ उठाने काफी संख्या में पर्यटक वहां पहुंच रहे हैं। इससे वहां पर्यटन व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के चेहरों पर रौनक लौटी है। सैलानियों के इस आकर्षण को और अधिक बढ़ाने के मद्देनजर राज्य सरकार ने फरवरी में औली में राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग स्पर्धा आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जरूरी सुविधाएं वहां जुटाई जा रही हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में वहां पर्यटकों का जमावड़ा और बढ़ेगा।
इसके अलावा चीन सीमा से सटे चमोली जिले की नीती घाटी में स्थित टिम्मरसैंण महादेव को भी पर्यटन, तीर्थाटन के हिसाब से विकसित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। पहले टिम्मरसैंण इनर लाइन के अंतर्गत था। अब सरकार ने इसे इनर लाइन की बंदिशों से मुक्त कराने में कामयाबी हासिल करने के साथ ही मार्च से टिम्मरसैंण यात्रा खोलने का निर्णय लिया है। इस क्रम में भी वहां तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक शीतकालीन पर्यटन पर राज्य सरकार का खास फोकस है। इस लिहाज से औली और टिम्मरसैंण बेहद महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने बताया कि अब पहली बार टिम्मरसैंण महादेव को पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है। मार्च से यह यात्रा शुरू होगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं।
टिम्मरसैंण में अमरनाथ की तरह बर्फ के शिवलिंग के दर्शनों के साथ ही सैलानी आसपास के कुदरती नजारों का भी लुत्फ उठाएंगे। उन्होंने बताया कि औली व टिम्मरसैंण के देशभर में प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।