उत्तराखंड स्टाफ नर्स भर्ती के मामले में हाईकोर्ट में दो और याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर सुनवाई 25 जून को होगी। इन याचिकाओं में वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की मांग की गई है। श्रीनगर गढ़वाल के स्टाफ नर्स गोविंद सिंह रावत और पौड़ी की संगीता रानी की ओर से अलग-अलग ये याचिकाएं दायर की गयी हैं। इसमें कहा गया है कि वह संविदा पर नियुक्त हुए। बाकायदा विज्ञप्ति और चयन प्रक्रिया आदि चरणों से गुजरने के बाद उनका चयन किया गया। संविदा पर नियुक्त स्टाफ नर्स को आठ से लेकर तेरह वर्ष सेवा देते हुए हो गए हैं।
मगर सरकार ने उन्हें नियमित नहीं किया। वर्ष 2015 की नियमावली में डिप्लोमा होल्डर का 70 प्रतिशत और डिग्री होल्डर का 30 प्रतिशत कोटा तय किया था, लेकिन 2020 की नियमावली में संशोधन कर यह कोटा खत्म कर दिया गया। पिछली नियमावली के आधार पर निकली विज्ञप्ति में उन्हें अधिमान अंक का प्रावधान था। एक साल नर्स के रूप में कार्यरत को भी अधिमान अंक का प्रावधान था। लेकिन नए नियमों में एक साल सेवा की शर्त को खत्म कर दिया गया।