देहरादून। संवाददाता। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में कबीना मंत्री डा0 हरक सिंह रावत की स्थिति आगे कुंआ पीछे खाई’ वाली कहावत जैसी हो गयी है। अपना नाम सीबीआई की एफआईआर में आने के बाद वह पहले इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते दिखे जिसके बाद सीबीआई जांच की याचिका वापस लेने की बात कही लेकिन अब उनका कहना है कि वह पार्टी हाई कमान से वार्ता करने के बाद ही निर्णय लेंगे।
किसी न किसी विवाद को लेकर राजनीतिक सुर्खियों में बने रहने वाले हरक सिंह ने स्टिंग मामले में एक बार फिर पलटी मारते हुए कहा है कि उन्होंने हाईकोर्ट से इस मामले की सीबीआई जांच के लिए जो अपील की थी उसे वापस लेने की बात कही। वह पार्टी नेताओं से बात कर रहे है उन्होंने अजय भट्ट व केन्द्रीय मंत्री डा0 निशंक से भी बात की है उनका कहना है कि पार्टी हाई कमान से बात करने के बाद ही निर्णय लूंगा कि क्या करना है।
हरक सिंह का कहना है कि उन्होंने जब यह सब किया था तब हरीश रावत के साथ उनका राजनीतिक खेल चल रहा था उनकी हरीश रावत के साथ कोई दुश्मनी नहीं है। प्रीतम सिंह के साथ भी अच्छे संबंध है तथा इंद्रिरा ह्दयेश मेरी दीदी जैसी है। राजनीति में सौहार्द के बीच इस तरह की बाते होती रहती है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई द्वारा हरक सिंह को इस स्टिंग मामले में राजनीतिक षड़यत्र का दोषी माना गया है जिसके बाद हरक सिंह की मुश्किले बढ़ गयी है। उन्होंने पहले अपनी सफाई में कहा था कि इससे उनका कोई लेना देना नहीं है उनका नाम इसलिए आया है क्योंकि उन्होंने ही सीबीआई जांच की मांग की थी बाद में हरक सिंह अपनी शिकायत वापस लेने की बात कही थी। और कहा था कि इसके बाद यह केस खत्म हो जायेगा। लेकिन उनके इस बयान से उन पर तथा भाजपा पर सवाल उठ रहे थे इसलिए उन्होंने एक बार फिर से पल्टी मारते हुए कहा है कि पार्टी हाईकमान से बात करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे। ऐसा लगता है कि अब हरक सिंह यह समझ ही नहीं पा रहे है कि करे तो क्या करे।