ऊधमसिंह नगर जिले में डेल्टा पल्स वेरिएंट की जांच या इससे मिलते-जुलते नए संक्रमण के बारे में पता लगाने के लिए एनसीडीसी दिल्ली में कोविड संक्रमित 30 लोगों के सैंपल भेजे गए हैं।स्वरूप बदलने के साथ बहरूपिया कोरोना मरीजों में संक्रमण के लक्षण भी बदल रहा है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के संक्रमितों को कोरोना के सामान्य लक्षणों के अलावा बोलने में भी तकलीफ हो रही है।उस पर डॉक्टर की सबसे बड़ी चिंता है कि नई गाइडलाइन के तहत अब आइवरमैक्टिन समेत तमाम दवाओं को प्राथमिक स्तर पर देने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में वे परेशान हैं कि कोरोना के नए वेरिएंट के संक्रमण में मरीजों का उपचार आखिर किन दवाओं से करेंगे।
एनसीडीसी से रिपोर्ट आने के बाद ही नए वैरिएंट की होगी पुष्टि
कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट की आशंका ने एक बार फिर लोगों को चिंता में डाल दिया है। ऊधमसिंह नगर जिले में डेल्टा पल्स वेरिएंट की जांच या इससे मिलते जुलते नए संक्रमण के बारे में पता लगाने के लिए एनसीडीसी दिल्ली में कोविड संक्रमित 30 लोगों के सैंपल भेजे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हो पाएगी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जिले में बी.17.4 वायरस की पुष्टि हुई थी। जबकि अब दोबारा नए कोरोना संक्रमितों के सैंपलों के वायरस की जांच के बाद ही नए वायरस का पता लग सकेगा। आरटीपीसीआर लैब की माइक्रो बॉयोलिजिस्ट डॉ. हर्षा शर्मा ने बताया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि के लिए 30 सैंपलों को दिल्ली में भेजा गया है।
कई लक्षण मिलते-जुलते
पैरासिटामोल का ही सहारा
डॉ. रावत ने बताया कि कोरोना के सामान्य मरीजों को अभी पैरासिटामोल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने का ही सहारा है। गंभीर स्थिति न होने तक आइवरमैक्टिन, डॉक्सी और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की दवा नहीं दी जानी है।