देहरादून। संवाददाता। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने राज्य सड़क सुरक्षा परिषद विषय को लेकर बैठक की। उन्होंने इस दौरान आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए अगली बैठक दिसंबर में करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटना पर रोक लगाना हमारी बाध्यता ही नहीं बल्कि जिम्मेदारी भी है। सड़क दुर्घटना रोकने के लिए परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें।
बैठक में दुर्घटना रोकने के विभिन्न उपायों पर चर्चा करते हुए दुर्घटना क्षेत्र के एसडीएम की मजिस्ट्रेट रिपोर्ट का अध्ययन करने का निर्देश दिया गया। कहा गया कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण के कार्य के पूर्व आस-पास के क्षेत्रों का सर्वे करा लिया जाए। ओवर स्पीड नियंत्रण के लिए साइन एज लगाना, गति रोधक लगाना बेहद जरूरी है। आवश्यकता पड़ने पर सीएसआर से फंड का प्रबंध किया जाए। यह भी निर्देश दिया गया कि हर जनपद में ट्रैफिक अवेयरनेस सेंटर की स्थापना के लिए जिलाधिकारी को अपेक्षित भूमि चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए अभी तक टिहरी, उत्तरकाशी में परिहवन विभाग को भूमि आवंटित की गई है। वहीं, हरिद्वार में उपलब्ध भूमि पर ट्रैफिक पार्क बनाने के लिए होंडा ग्रुप से बात चल रही है।
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि सड़क सुरक्षा कोष के अन्तर्गत आवंटित धनराशि से प्राथमिकता के आधार पर सड़क सुरक्षा उपकराणों, इण्टर सेप्टर, एल्कोमीटर, क्रेन रिकबरी वैन, सीसीटी कैमरा क्रय में व्यय किया जाए। इसके अतिरिक्त सड़क सम्बंधी अभियंताओं को रोड सेफ्टी प्रशिक्षण का प्रबंध किया जाए, जिससे दुर्घटना मुक्त सड़क का निर्माण हो सके।
बैठक में बताया गया कि हैलमेट न लगाने और सीट बेल्ट न लगाने और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए विशेष रणनीति बनाकर प्रवर्तन कार्रवाई की जाए। यह भी कहा जाए स्कूली वाहन मानक के अनुसार चलाये जाने हेतु स्कूल कॉलेजों में जाकर जागरूकता अभियान चलाये जाए।
बैठक में सचिव परिवहन शैलेश बगोली, आयुक्त गढ़वाल मण्डल रविनाथ रामन, सचिव (प्रभारी) स्वास्थ्य डॉ. पंकज पाण्डेय, अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह, अपर सचिव आबकारी एच.सी.सेमवाल, अपर सचिव वित्त पीसी खरे और लोक निर्माण विभाग और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।