ग्रेड पे को लेकर सरकार के रवैये पर सिपाहियों के इस्तीफे और उनके लिखे अन्य पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक पत्र में सिपाही ने लिखा है कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। इन दो लाख रुपये में उनका कुछ नहीं होगा। लिहाजा, यह दो लाख रुपये वह सरकार को दान दे देगा।
शासन का आदेश जारी होते ही पुलिस के सिपाहियों के पत्र वायरल होने लगे हैं। सिपाही इस धनराशि को अपने लिए नाकाफी मान रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री धामी पर विश्वास किया था। लगा था कि युवा मुख्यमंत्री है, सैनिक पुत्र हैं और घोषणा भी पुलिस के मंच से ही हो रही है।
उस वक्त लगा कि उनकी मांगे पूरी हो जाएंगी, लेकिन अब उन्हें सरकार की ओर से यह झुनझुना ही पकड़ाया गया है। सिपाहियों के इस्तीफे के पत्र जो वायरल हो रहे हैं उनमें उन्होंने खुद को पेंशन का हकदार भी बताया है। लिहाजा, उन्होंने इन इस्तीफों को स्वीकार करने की मांग की है।
एक पत्र में तो सरकार और शासन के अधिकारियों को निशाना बनाया गया है। सिपाही की ओर से वायरल हुए इस पत्र में लिखा गया है कि इस धनराशि से उसके परिवार का कुछ नहीं होने वाला है। इस धनराशि को वह सरकार को दान स्वरूप दे रहा है। शायद इससे कुछ भला शासन में बैठे अधिकारियों का हो जाए।
सिपाही ने पुलिस मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को भी धनराशि दान देने की बात लिखी है। यह पत्र उसने उत्तराखंड सरकार और पुलिस मुख्यालय दोनों को संबोधित करते हुए लिखा है।
ग्रेड-पे की मांग को पुलिसकर्मियों के परिजनों का प्रदर्शन
उत्तराखंड में लंबे समय से चल रही 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही सरकार पर पुलिसकर्मियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।