टिहरी/देहरादून। टीएचडीसी विनिवेश का विरोध कर रही प्रदेश कांग्रेस के तेवर अब दिनों दिन तल्ख होते जा रहे है। प्रीतम सिंह का कहना है कि टीएचडीसी प्रदेश की शान है, पहचान है और हम किसी भी कीमत पर टीएचडीसी को नहींं बिकने देंगे। भले ही हमें इसके लिए किसी भी हद तक क्यों न जाना पड़े।
अपने तय कार्यक्रम के अनुरूप आज प्रीतम सिंह के नेतृत्व में हजारों कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ताओं ने टिहरी के भागीरथी पुरम में केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया तथा धरना दिया। जो सांय चार बजे तक चला। अन्य कार्यक्रमों मं व्यस्तता के कारण हालांकि इस धरने प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर रावत नहीं पहुंच सके लेकिन प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की टीम के साथ हजारों कार्यकर्ताओं ने इस धरने प्रदर्शन में भाग लेकर यह साबित कर दिया है कि वह इस मामले को लेकर चुप बैठने वाले नहीं है।
प्रीतम सिंह का कहना है कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर टीएचडीसी को बेचने का षडयंत्र कर रहे है। केन्द्र सरकार अपनी 75 फीसदी हिस्सेदारी को एनटीपीएस को बेचने जा रही है तथा मुख्यमंत्री इससे अनिभिज्ञता जाहिर कर रहे है वहीं शहरी विकास मंत्री कह रहे है कि टीएचडीसी व एनटीपीसी दोनों ही केन्द्रीय उपक्रम है इसमें बुराई क्या है। उन्होने कहा कि सरकार की मंशा राज्य की इस पहचान को मिटाने की है लेकिन हम ऐसा किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे। उन्होने कहा कि इसके विरोध में हम राज्य व्यापी आंदोलन छेड़ेगें और देहरादून से दिल्ली तक इसका विरोध किया जायेगा।
प्रीतम सिंह ने कहा कि वह सड़कों से लेकर सदन तक इस मुद्दे को उठायेंगे। इस आंदोलन में पूरे राज्य के लोग कांग्रेस के साथ खड़े है। उन्होने चार दिसम्बर को फिर से धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की। इस अवसर पर कांग्रेस के तमाम पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।