देहरादून। हरीश सिंह रावत TT pointers: सभी चीज़ें ध्यान में रख के , जनभावना को ध्यान में रख के … साथ साथ में 2016 के पूरे घटना क्रम को भी ध्यान में रखना चाहिए पार्टी को सब चीज़ों को ध्यान में रखना चाहिए। पार्टी का निर्णय हमेशा श्रेष्ठ होता है और सर्वोत्तम होता है लेकिन हमारी जनता की भावना , सब बातों को account for करते हुए फ़ैसला लेना चाहिए।
हरीश रावत ने कहा कि राजनीति में आप केवल अपने को ही नहीं सही मानते , आपको दूसरी भावनाएँ भी देखी पड़ती है … साथियों की क्या राय है उसको भी ध्यान में रखना पढ़ता है।
उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं ने बड़ी महनत से कांग्रेस को इस परिस्थिति में पहुँचाया है की कांग्रेस जीत के कगार पर खाड़ी है। कैंडिडेट्स की लिस्ट एक दो दिन में आ सकती है।
उन्होंने कहा कि मैं किसी से व्यक्तिगत नाराज़गी नहीं रखता , ये सवाल समाज के होते है , राज्य के होते है , पार्टी के होते है और कुछ सिद्धांत हैं जिस पर पार्टी को भी और व्यक्ति को भी खड़ा होना पड़ेगा।
2016 में जो घटना हुई थी वो मेरे प्रति अपराध नहीं था वो लोकतंत्र के प्रति अपराध था , संसदीय परम्पराओं के प्रति अपराध था , पार्टी के प्रति अपराध था … किस सीमा तक क्या करना है ये पार्टी तय करेगी।