उत्तराखंड में हरित ऊर्जा को लेकर चलाई जा रही मुहिम अब और तेज होगी। सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में ऊर्जा व अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में राज्य को पहला स्थान मिलने से सरकार का मनोबल ऊंचा है। ऐसे में सौर ऊर्जा, पिरूल (चीड़ की पत्तियां) से विद्युत उत्पादन व ब्रिकेट निर्माण रुकी हुई करीब 285 परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश ऊर्जा सचिव राधिका झा ने दिए हैं। केंद्र की मोदी सरकार पूरे देश में स्वच्छ व हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन दे रही है। उत्तराखंड में इस दिशा में किए गए ठोस प्रयासों का नतीजा एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में सामने आ चुका है।
उत्तराखंड ने ऊर्जा व अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश में सर्वाधिक 100 अंक लेकर पहला स्थान हासिल किया है। सर्वोत्तम प्रदर्शन को देखते हुए अब राज्य सरकार ऐसी हरित ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूरा कराएगी, जिनका आवंटन हो चुका है। इसके लिए कसरत शुरू कर दी गई है। दरअसल राज्य में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत कुल 1011 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 354 परियोजनाओं के लिए आवंटन पत्र जारी किए जा चुके हैं। 196 परियोजनाओं के संबंध में ऊर्जा निगम अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर कर चुका है।निविदा के आधार पर 203.75 मेगावाट की 283 परियोजनाएं सरकार ने आवंटित की थीं। इनमें से 26.30 मेगावाट की 53 परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। शेष निर्माणाधीन हैं। इसी तरह उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा अभिकरण (उरेडा) पिरूल से विद्युत उत्पादन व ब्रिकेटिंग के तहत 62 परियोजनाओं को आवंटित कर चुका है। इसमें से वर्तमान में करीब छह विद्युत परियोजनाओं व एक ब्रिकेट परियाेजनाओं का काम पूरा हो चुका है। शेष अभी निर्माणाधीन हैं। सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत वर्तमान में 6345 स्ट्रीट लाइट लगाई जा चुकी हैं।वहीं, एलईडी ग्राम लाइट प्रशिक्षण कार्यक्रम में 812 व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि हरित ऊर्जा परियोजनाओं को जल्द पूरा करने को उरेडा व ऊर्जा निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। विभिन्न विकासकर्त्ताओं को आवंटित सोलर परियोजनाएं को जल्द पूरा करने और इसके लिए उन्हें सहयोग देने की हिदायत दी गई है।