हरिद्वार और देहरादून के दो महाविद्यालयों ने दोगुनी से ज्यादा सीटों पर दिए दाखिले

0
92

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध निजी महाविद्यालयों को तय से अधिक सीटों पर छात्रों को दाखिले न देने के निर्देश के बावजूद हरिद्वार और देहरादून के दो महाविद्यालयों ने इक्का-दुक्का नहीं बल्कि तय से दोगुनी से अधिक सीटों पर छात्रों को दाखिले दे दिए। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.पीपी ध्यानी के मुताबिक पूरे प्रकरण में विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी-अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। शासन की ओर से की जा रही जांच में इनकी भूमिका के बारे में लिखित में दिया गया है।श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति के मुताबिक हरिद्वार जिले के एक महाविद्यालय में रसायन विज्ञान विषय की 60 सीटें तय थीं, लेकिन तय से 68 अधिक सीटों पर दाखिले दे दिए। जबकि देहरादून जिले के एक महाविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य की 60 सीटें तय थीं, लेकिन तय से 77 अधिक सीटों पर दाखिले दिए गए। इसी महाविद्यालय ने राजनीतिक विज्ञान में तय 60 सीटों के विपरीत 146 सीटों पर एडमिशन देकर छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं कराईं।विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि पूरा प्रकरण विश्वविद्यालय के कुछ लोगों की मिलीभगत से हुआ है। बीती जून में हुई विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की 9वीं बैठक में निर्णय लिया गया था कि विश्वविद्यालय द्वारा निजी महाविद्यालयों एवं संस्थानों में तय सीटों से अधिक सीटों पर परीक्षाएं आयोजित नहीं कराई जाएंगी। इसके बावजूद सितंबर-अक्तूबर 2020 में विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारी-कर्मचारियों ने निजी महाविद्यालयों व संस्थानों से मिलीभगत कर परीक्षाएं करवा दीं, जिससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है। इस प्रकरण की विश्वविद्यालय और शासन द्वारा जांच की जा रही है। जांच के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

इनसे होगी वसूली
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुछ लोगों ने बिना कार्यपरिषद की मंजूरी के पूर्व में विश्वविद्यालय से हजारों रुपये परीक्षा पारिश्रमिक के रूप में लिया है। पिछली कार्यपरिषद में लिए गए निर्णय के अनुसार अब इन अधिकारियों से इसकी वसूली की जाएगी। कार्यपरिषद की बैठक में कुलाधिपतिकी की ओर से नामित सदस्य न्यायमूर्ति (सेनि.) बीएस वर्मा, एयर कामोडोर (सेनि.) देवेन्द्र शर्मा, डॉ.कौशलेंद्र सिंह भदौरिया, डॉ.गजेन्द्र सिंह, डॉ.आरके गुप्ता, प्रो संदीप कुमार, प्रो सुषमा गुप्ता, डॉ.दीपक भट्ट, प्रो जीके ढींगरा आदि मौजूद रहे। संचालन कार्यपरिषद के सचिव प्रो एमएस रावत ने किया।

LEAVE A REPLY