बाल अधिकारों के लिए के पांच देशों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ की चाइल्ड राइट कमेटी में आवाज उठाने वाली धर्मनगरी की बेटी रिद्धिमा पांडेय ने अब दुनियाभर में जलवायु संकट पर आपातकाल घोषित करने की मांग की है। इसके लिए विश्वभर के 14 बच्चों के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के समक्ष याचिका दायर की है।
बचपन से ही पर्यावरण के प्रति बेहद सजग
साधुबेला कॉलोनी हरिपुर कलां निवासी रिद्धिमा पांडे बीएम डीएवी पब्लिक स्कूल में कक्षा दसवीं की छात्रा हैं। रिद्धिमा बचपन से ही पर्यावरण के प्रति बेहद सजग है। रिद्धिमा पर्यावरण को बचाने के लिए न केवल हरिद्वार और भारत बल्कि अनेक देशों में जाकर अलख जगा रही हैं।
राइट चाइल्ड कमेटी में याचिका दायर कर चुकीं हैं रिद्धिमा
बिगड़ते पर्यावरण के संतुलन को देखते हुए रिद्धिमा उन पांच देशों के खिलाफ भी वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र संघ की राइट चाइल्ड कमेटी में याचिका दायर कर चुकीं हैं, जिनमें अत्याधिक पर्यावरण परिवर्तन होने से वहां के बाल अधिकारों का हनन हो रहा था।
महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के समक्ष याचिका दायर की
अब रिद्धिमा पांडे ने दस नवंबर को 14 देशों के बच्चों के साथ जलवायु परिवर्तन पर आए संकट को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के समक्ष याचिका दायर की है।
याचिका में यह जताई है चिंता
याचिका में विश्वभर में 14 बच्चों ने कहा है कि अवैध खनन, जंगलों का कटान, प्रदूषण के कारण लगातार जलवायु परिवर्तन से असंतुलन पैदा होने से खतरा बढ़ रहा है। भारत में भी मनुष्य की सुख सुविधा के लिए जंगलों को लगातार काटा जा रहा है।
जलवायु संकट पर भी आपातकाल घोषित किया जाए
गंगा और उसकी सहायक नदियों से जिस तरह खनन किया जा रहा है, उससे जलवायु पर गहरा असर पड़ रहा है। इन बच्चों का कहना है कि जिस प्रकार कोविड-19 को सभी देशों ने आपातकाल घोषित किया, उसी प्रकार जलवायु संकट पर भी आपातकाल घोषित कर जलवायु को सुरक्षित किया जाए। ताकि आने वाली पीढ़ी भी देश-दुनिया में पर्यावरण के साथ अपना जीवन मिल सके और उन्हें भी उनके प्राकृतिक अधिकार मिल सके।