देहरादून। कोरोना फैलने के संभावित खतरे को देखते हुए कैंची धाम ट्रस्ट ने नीम करौली बाबा के धाम में होने वाले वार्षिक मेले के आयोजन से इनकार कर दिया है।
हरिद्वार कुंभ में यात्रियों के आवागमन की खुली छूट के कारण फैले कोरोना से देश भर में हुई बदनामी और कुमाऊं में कोरोना फैलने के संभावित खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
कुंभ के बाद कैंची धाम का मेला ही इतना बड़ा है कि जिस में देश विदेश से हर साल लाखों लोग हिस्सा लेने आते हैं। 13 अप्रैल को जब जिलाधिकारी धिराज सिंह गर्ब्याल से मेले की इजाजत देने के संबंध में प्रशासन के फैसले के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था हालात के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
अब जब कि कोरोना के हालात पिछले साल से भी ज्यादा खराब हो गए हैं तो प्रशासन ने लगातार दूसरे साल कैंची मेले को आयोजित न करने की सलाह दी है।
कैंची धाम नीम करौली बाबा धाम में हर साल 15 जून में लगने वाले मेले पर इस बार भी संकट के बादल मंडरा गए हैं। नैनीताल जिले के भवाली नगर के करीब स्थित नीम करौली बाबा के कैंची धाम में पिछले साल मेला नहीं लग पाया था।
कोरोना के हालात सुधरने और कुंभ मेले के सफलतापूर्वक संपन्न हुए शाही स्नान के बाद कैंची धाम मेले के आयोजन उम्मीद लगाए बैठे थे कि इस साल भले ही कम भक्त आएं पर मेला लगाने में बाधा नहीं आएगी।
ज्ञात हो कि हर वर्ष प्रतिष्ठा दिवस के अवसर पर कैंची धाम में मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें देश के हर प्रांत से भक्तजन यहां पहुंचते थे। मेले को लेकर भक्तों मे काफी उत्साह बना रहता था। इतना ही नही इस मेले में विदेशों से भी कई भक्त आते थे। विगत वर्ष कोरोना के कारण मंदिर में प्रवेश बंद था, लेकिन इस बार लोगों को उम्मीद थी कि बाबा दरबार में सेवा करने मौका मिलेगा।