देहरादून। हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले को लेकर सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ दर्ज मामले में आज सुनवाई हो रही है। जिसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल नैनीताल पहुंचे हैं।
वह हाईकोर्ट में पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ दायर विधायकों की खरीद-फरोख्त संबंधी स्टिंग ऑपरेशन संबंधी याचिका मामले में रावत की ओर से पैरवी कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने पूर्व में हरीश रावत के खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाले प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के बाद सीबीआई को जवाब दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी 2020 की तिथि नियत की थी।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई में रावत की ओर से सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती देते हुए एक नई याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने इस पर सीबीआई से जवाब मांगा था।
2016 में सामने आया था मामला
मामले के अनुसार मार्च 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था। इसके बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी और राज्यपाल की संस्तुति पर रावत के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई।
सीबीआई द्वारा प्राथमिक जांच रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करते हुए रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गई। इसी से जुड़े प्रकरण में हरक सिंह रावत ने कैबिनेट के 15 मई 2016 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
इसमें कैबिनेट ने सीबीआई से जांच हटाकर एसआईटी को जांच के आदेश दे दिए थे। इस बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत की गैर मौजूदगी में कैबिनेट के अन्य सदस्यों द्वारा निर्णय लिया गया। प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, हरक सिंह रावत व समाचार प्लस के सीईओ उमेश शर्मा के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई है।